बैंक अधिकारी बनकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार आरोपित गिरफ्तार
सेक्टर-14 में रेंज स्तरीय साइबर क्राइम थाना खुलने के बाद पुलिस को पहली उपलब्धि मिली है। साइबर थाना पुलिस ने अंतरराज्जीय ठग गिरोह के चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है
जागरण संवाददाता, रोहतक : सेक्टर-14 में रेंज स्तरीय साइबर क्राइम थाना खुलने के बाद पुलिस को पहली उपलब्धि मिली है। साइबर थाना पुलिस ने अंतरराज्जीय ठग गिरोह के चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों के खातों से रकम साफ कर देते थे। पकड़े गए आरोपितों में मुख्य सरगना के साथ उसका पिता भी शामिल है। गिरोह के सदस्य उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम आदि तक फैले हुए हैं, जो वहीं के सिमकार्ड का इस्तेमाल कर लोगों को शिकार बनाते हैं।
साइबर थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर कुलदीप पानू ने बताया कि 13 मार्च को महम के निदाना गांव निवासी सोनू ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि किसी अज्ञात नंबर से उसके पास कॉल आई, जिसने खुद को बैंक अधिकारी बताकर उसके पास ओटीपी भेजा और फिर खाते से दो लाख रुपये निकाल लिए। जांच के बाद इस मामले में नई दिल्ली के कराला गांव के जैन नगर निवासी रमेश, उसका बेटा सचिन, नई दिल्ली के पुठकंला निवासी विक्की सोलंकी और विकास को गिरफ्तार किया है। आरोपित विकास मूलरूप से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के गढ़ीया गांव का रहने वाला है। इस गिरोह का सरगना आरोपित सचिन है। रमेश को छोड़कर बाकी तीनों आरोपित दिल्ली में कॉल सेंटर में कार्य करते हैं। आरोपित रमेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बाकी तीनों आरोपितों को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। गौरतलब है कि पुलिस की इस उपलब्धि से करीब 12 दिन पहले ही रेंज स्तरीय साइबर क्राइम थाने का शुभारंभ हुआ है। आरोपित बोले, हमें तो मिलता था तीन फीसद कमीशन
आरोपित सचिन और विक्की ने पूछताछ में बताया कि इस गिरोह से काफी लोग जुड़े हुए हैं। वह कॉल सेंटर में काम करते हैं। वहां से आम जनता के खाते गिरोह के सदस्यों तक पहुंचाते थे। इसके एवज में उन्हें तीन फीसद कमीशन मिलता था। पिछले करीब पांच-छह माह से ऐसा कर रहे हैं। पकड़े गए आरोपित बीए और एमए पास हैं। लालच में आकर इस धंधे में लगे हुए थे।