बदहाल सेक्टरों की सड़कों को दुरुस्त कराना भूले अफसर, सिर्फ कागजों में ही तैयारी
सेक्टरों की सड़कों को दुरुस्त कराना अफसर भूल गए। हालात यह हैं कि जो सड़कें चार बार निर्मित हो चुकी हैं उन सड़कों पर पैदल भी नहीं चल सकते।
जागरण संवाददाता, रोहतक : सेक्टरों की सड़कों को दुरुस्त कराना अफसर भूल गए। हालात यह हैं कि जो सड़कें चार बार निर्मित हो चुकी हैं उन सड़कों पर पैदल भी नहीं चल सकते। सड़कों के खराब हालातों को लेकर अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है। नगर निगम के अधिकारी हैं कि कागजों में ही तैयारियों में जुटे हैं। धरातल पर अभी असर नहीं दिख रहा है। सेक्टरों की जनता में रोष है। यह भी दावे किए गए हैं कि बार-बार सेक्टरों की सड़कें टूट रहीं हैं। इनके सुधार के लिए इंतजाम की छोड़िए कोई अधिकारी मौके पर परेशानी तक जानने नहीं पहुंचा।
सेक्टर-2 व सेक्टर-3 पार्ट में करीब 42 लाख रुपये की लागत से सड़कों का निर्माण हुआ था। सेक्टर में कुछ दिनों के बाद ही सड़क टूट गई। सेक्टर वालों की आपत्ति के बाद फिर से सड़क का निर्माण हुआ। उस दौरान भी सड़क का निर्माण रातों-रात करा दिया गया। इसके बाद से लगातार सड़कों में गड्ढे हो रहे हैं। इसी के बाद से सेक्टर वाले भी लगातार अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं। सेक्टर-2 सेक्टर-3 पार्ट निवासी एसएस सांगवान ने दावा किया है कि लगातार शिकायतों के बावजूद भी टूटी सड़कों को दुरुस्त करने का कोई इंतजाम नहीं हो रहा है। ऊपर से बरसाती सीजन भी शुरू होने वाला है। सेक्टर वालों ने दावा किया है कि लगता है कि निगरानी के सभी तंत्र फेल हो गए हैं। नगर निगम प्रशासन की तरफ से तैनात थर्ड पार्टी तक का पता नहीं। वहीं, सेक्टर में सीवरेज व बरसाती नालों की सफाई का कार्य भी न होने का दावा किया गया है। इस प्रकरण में नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा का पक्ष जानने के लिए फोन किया तो उनका फोन रिसीव नहीं हो सका।
ठेकेदारों पर मेहरबानी का असर, लेवल तक दुरुस्त नहीं
ठेकेदारों नगर निगम के अधिकारी खूब मेहरबान हैं। शहरी जनता दावा करती है कि सड़कों का लेवल तक दुरूस्त नहीं है। स्थिति यह है कि शुक्रवार को शहरी क्षेत्र में महज एक एमएम बरसात में ही सड़कों पर बरसाती पानी भर गया। एसएस सांगवान का दावा है कि इस प्रकरण में लगातार शिकायत कर चुके हैं। लेवल ठीक न होने का नुकसान यह हो रहा है कि सीवरेज लाइन जब भी ओवरफ्लो होती हैं तब जलभराव हो जाता है। मामूली बरसात के बाद भी यहां जलभराव हो जाता है। वर्जन
सेक्टरों में सीवरेज लाइन साफ कराने की जिम्मेदारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की है। जबकि बरसाती पानी की निकासी का कार्य नगर निगम को कराना होता है। हमारी सभी सीवरेज लाइन साफ हैं।
डीके आहूजा, एक्सईएन, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण