लघु सचिवालय के बाहर किसानों ने सड़क पर बेचा 50 रुपये प्रति क्विटल गेहूं
सरकार की ओर से किलोई मंडी में करीब डेढ महीना बाद भी गेहूं की खरीद नहीं किए जाने से किसानों में रोष हो गया। जिसके चलते किलोई बोहर भालौठ बलियाणा आसन आदि गांवों के किसानों ने शनिवार को लघु सचिवालय के बाहर अपना गेहूं उतार कर उसकी खुली बिक्री शुरू कर विरोध प्रकट किया। किसानों ने 50 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से सड़क पर गेहूं बेचा।
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार की ओर से किलोई मंडी में करीब डेढ महीना बाद भी गेहूं की खरीद नहीं किए जाने से किसानों में रोष हो गया। जिसके चलते किलोई, बोहर, भालौठ, बलियाणा, आसन आदि गांवों के किसानों ने शनिवार को लघु सचिवालय के बाहर अपना गेहूं उतार कर उसकी खुली बिक्री शुरू कर विरोध प्रकट किया। किसानों ने 50 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से सड़क पर गेहूं बेचा। किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने किया। किसानों ने इसके साथ ही आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है। बल्लू प्रधान का कहना है कि जब तक सरकार किलोई मंडी में किसानों के सारे गेहूं की खरीद नहीं करेगी, तब तक वे यहीं आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे। आमरण अनशन पर उनके साथ यूनियन के जिला अध्यक्ष रणधीर उर्फ काला भी अनशन पर बैठ गए हैं। हालांकि अधिकारियों की तत्परता के चलते शाम को सरकारी खरीद शुरू कर दी गई।
किसान दोपहर के समय एक ट्रैक्टर-ट्राली गेहूं लेकर लघु सचिवालय पहुंचे। किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर सड़क पर ही अपना गेहूं उतार दिया और वहीं अनशन पर बैठ गए। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आवाज लगाकर गेहूं बेचाना शुरू कर दिया। किसानों की ओर से ऐसे सड़क पर 50 रुपये प्रति क्विटल गेहूं बेचने की आवाज सुनकर अनेक राहगीर वहां रुक किए। जिनमें से कुछेक ने उनसे गेहूं की खरीद भी की। इस बीच एक दिव्यांग महिला ट्राइसाइकिल पर वहां आई तो किसान नेता बल्लू ने उनको एक बेरी गेहूं भेंट किया। जिस पर महिला ने उनको आशीर्वाद दिया।
किसानों ने कहा कि इससे पहले भी वे कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन दे चुके हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से उनको सिर्फ आश्वासन ही दिए गए हैं। बल्लू प्रधान ने कहा कि किलोई मंडी में किसानों का दो हजार क्विटल गेहूं पहले ही खराब हो चुका है। अब बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। ऐसे में वहां रखा किसानों का 11 हजार क्विटल गेहूं खराब हो सकता है। इसी कारण किसानों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए यह तरीका अपना है। इस दौरान किसान सुमित, प्रवीण, दीपक, ईश्वर, संदीप, बबला, रामकिशन, बिजेंदर, देवेंद्र, बबलू, प्रवेश व राहुल सहित अनेक किसान मौजूद रहे। बीडीपीओ ने दिया अश्वासन :
इस बीच खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल ने उनसे मुलाकात की और समस्या के समाधान के प्रयास करने का आश्वासन दिया। लेकिन, किसानों ने कहा कि जब तक सरकार उनका गेहूं मंडी से नहीं खरीदेगी तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा। शनिवार को करीब ढाई सौ किलो गेहूं बिका और एक कट्टा एक बुजुर्ग महिला को दान भी दिया।
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शाम को गेहूं की खरीद शुरू :
किसानों के इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन के बाद शाम को पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शरबत पिलाकर किसानों का अनशन तुड़वाया। अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए किलोई मंडी में किसान के गेहूं की सरकारी खरीद के साथ उठान के लिए ट्रक भी भेज दिए हैं।