15 दिन में कराना होगा आरोपित वकील और दोनों बच्चों का डीएनए टेस्ट : कोर्ट
डीएनए टेस्ट कराना संविधान के खिलाफ नहीं है। संविधान में ऐसा नहीं लिखा है कि डीएनए टेस्ट नहीं कराया जा सकता। आरोपित वकील और दोनों बच्चों का 15 दिन में डीएनए टेस्ट कराओ।
जागरण संवाददाता, रोहतक : डीएनए टेस्ट कराना संविधान के खिलाफ नहीं है। संविधान में ऐसा नहीं लिखा है कि डीएनए टेस्ट नहीं कराया जा सकता। आरोपित वकील और दोनों बच्चों का 15 दिन में डीएनए टेस्ट कराओ और यदि आरोपित डीएनए टेस्ट नहीं कराता तो पुलिस बल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जुड़वां बच्चों को ठुकराने वाले आरोपित वकील के डीएनए टेस्ट को लेकर जेएमआइसी विवेक की कोर्ट ने ऑर्डर में यह टिप्पणी करते हुए पुलिस को आदेश दिए।
दरअसल, शहर की एक कालोनी की रहने वाली महिला ने कुछ माह पहले शिकायत में बताया था कि कई साल पहले उसका तलाक हो गया था। वह अपनी मां के साथ रह रहती थी। इसी दौरान पलवल का एक युवक उसके संपर्क में आया, जो एक यूनिवर्सिटी में वकालत की पढ़ाई कर रहा था। आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस में करनी चाही, लेकिन आरोपित ने पुलिस केस से बचने के लिए उसे शादी का झांसा दे दिया। कुछ समय बाद उससे शादी कर ली, जिससे उससे जुड़वां बच्चे हो गए। आरोप है कि बच्चे होने के बाद आरोपित ने उन्हें अपनाने से इन्कार कर दिया और दूसरी महिला से शादी कर ली। यह मामला तभी से कोर्ट में विचाराधीन है। पीड़िता के अधिवक्ता पीयूष गक्खड़ ने बताया कि पुलिस की अपील पर कोर्ट ने पिछले सप्ताह आरोपित का डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति दे दी थी, जिसका लिखित ऑर्डर अब मिला है। ऑर्डर में 15 दिन के अंदर आरोपित और दोनों बच्चों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी कहा है कि चार्जशीट के साथ डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट भी पेश होनी चाहिए।