स्वच्छ सर्वेक्षण में बूंद-बूंद पानी का हिसाब देगा निगम, वाटर प्लस के लिए निगम करेगा दावेदारी
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के लिए नगर निगम पहली बार वाटर प्लस के लिए दावेदारी ठोकेंगा। अगले 15 दिनों के अंदर शहरी जनता दावे-आपत्तियां पेश कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, रोहतक:
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के लिए नगर निगम पहली बार वाटर प्लस के लिए दावेदारी ठोकेंगा। अगले 15 दिनों के अंदर शहरी जनता दावे-आपत्तियां पेश कर सकेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण में भी पहली बार वाटर प्लस को लेकर सर्वे होगा। इसमें केंद्रीय टीम रोहतक पहुंचकर नगर निगम से बूंद-बूंद पानी का हिसाब मांगेगी। स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए शहरी जनता से भी सहयोग मांगा है।
नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल ने शहरी जनता से अपील की है कि वह अपने-अपने मकान/संस्थान से निकलने वाले गीले कूड़े से खाद तैयार करें। इस खाद का उपयोग घर में लगे हुए पौधों के लिए कर सकते हैं। गीले कूड़े का निष्पादन भी इस तरह से आसानी से होगा। घरेलू बायो मेडिकल कूड़ा, हानिकारक कूड़ा, सूखा कूड़ा अलग-अलग एकत्रित कर अलग-अलग ही नगर निगम की कचरा संग्रहित करने वाली गाड़ी में डालें। शहर के उद्योगपतियों, अस्पताल-स्कूल संचालकों, होटल, मैरिज पैलेस, रेस्टोरेंट संचालकों से भी सहयोग मांगा है। समाजसेवी संस्थाओं से अपील की गई कि वह भी स्वच्छ अभियान के लिए सिटीजन फीडबैक देने का कार्य करें। दूसरी ओर, निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने रोहतक को स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में टॉप-10 शहरों में शामिल कराने के लिए सभी 22 पार्षदों, जिला प्रशासन, बाजार के प्रधानों, औद्योगिक संगठनों, धार्मिक, शिक्षण संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों से सहयोग मांगा है।
वाटर प्लस की दावेदारी से यह होगा फायदा
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान शहर से पेयजल आपूर्ति, सीवरेज के इंतजाम को लेकर भी केंद्रीय टीम जांच करेगी। शहर से निकलने वाले दूषित पानी की निकासी, इस दूषित पानी को ट्रीट करने की व्यवस्थाओं का भी आंकलन किया जाएगा। ट्रीट किए गए पानी को बाहर कहां भेजा जाता है, बरसाती पानी की निकासी के इंतजाम, पानी की आपूर्ति की व्यवस्थाओं को भी देखा जाएगा। फिलहाल इस प्रकरण में नगर निगम ने दावेदारी पेश करने की योजना तय कर ली है।