कोरोना वायरस ने किया गांवों में रुख, लोगों को बना रहा शिकार

- ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव पड़ रहा जीवन पर भारी - प्रदेश के कई गांवों में अचानक से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 08:30 AM (IST)
कोरोना वायरस ने किया गांवों में रुख, लोगों को बना रहा शिकार
कोरोना वायरस ने किया गांवों में रुख, लोगों को बना रहा शिकार

- ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव पड़ रहा जीवन पर भारी

- प्रदेश के कई गांवों में अचानक से बढ़ा मौतों का आंकड़ा

- ग्रामीणों में दहशत का माहौल, सरकार भी हरकत में आई

- कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सैलजा और नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने उठाई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने की मांग

ओपी वशिष्ठ, रोहतक :

कोविड-19 यानि कोरोना वायरस अब शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में रुख करने लगा है। प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं, जहां इसका प्रकोप ज्यादा दिखाई देने लगा है। रोहतक, फतेहाबाद, जींद, पानीपत, हिसार व फरीदाबाद सहित कई जिलों के गांवों में बुखार से मौतें होने की सूचनाएं आ रही हैं। रोहतक के गांव टिटौली में एक सप्ताह में 30 मौत होने के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया है। प्रदेश के गांवों में खांसी-बुखार के लक्षण वाले काफी लोगों के बीमार होने की जानकारी भी लगातार मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग के लिए चिता की बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना महामारी को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कोरोना के सैंपल लेने के लिए ग्रामीण आगे नहीं आ रहें, जो उनके लिए घातक साबित हो रहा है।

रोहतक के टिटौली में सात दिन में 30 मौत

रोहतक के गांव टिटौली में एक सप्ताह में 30 लोगों की मौत से प्रदेश में हड़कंप मच गया। ग्रामीण खौफजदा हैं और अब उनको कोरोना संक्रमण की भयावता भी दिखने लगी है। टिटौली के अलावा बलियाना, घिलौड़, बहलबा, सांघी व अन्य कई गांवों में भी बीमारी से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने गांव में कोरोना की जांच करवाई तो करीब 25 फीसद ग्रामीण संक्रमित पाए गए हैं।

फरीदाबाद के तिगांव में छह दिन में 15 मौत

जिला के सबसे बड़े गांव तिगांव में बीते छह दिन में 15 मौत होने से ग्रामीण सकते में हैं। कुछ मौत कोरोना संक्रमण की वजह से तो बाकी सामान्य बताई जा रही हैं। लेकिन इससे पहले इतने कम अंतराल में सामान्य रूप से इतनी मौत कभी नहीं हुई हैं। अधाना पट्टी में ही बीते पांच से छह दिन में सात मौत हुई हैं, जबकि तिगांव ग्राम पंचायत के तहत आने वाले क्षेत्र में आठ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमे अधिकतर बुजुर्ग तो कई 50 साल के आसपास थे। दो-चार दिन के अंतराल में गांव में किसी न किसी की मौत के बारे में सूचना आ रही है।

ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव, भ्रम भी बना

कोरोना संक्रमण जिस तेजी से गांवों में फैल रहा है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कोरोना का टेस्ट करवाने में आगे नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर ग्रामीणों के अपने-अपने तर्क हैं। ग्रामीणों को डर है कि कोरोना टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उनको घर में कैद कर दिया जाएगा। अगर मौत हो गई तो शव को भी अंतिम संस्कार के लिए नहीं दिया जाएगा। यही कारण है कि लोग टेस्ट देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा। सामूहिक रूप से ताश खेलना और हुक्का पीना भी संक्रमण फैलने का एक कारण हो सकता है। मास्क का इस्तेमाल भी बहुत कम ग्रामीण करते हैं।

दैनिक जागरण की खबर से हुई हलचल

दैनिक जागरण ने गांव टिटौली में हो रही मौतों के मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद ही जिला प्रशासन हरकत में आया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भी दैनिक जागरण की खबर को ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने की मांग की है। उनके अलावा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी टिटौली गांव के अलाव प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की मांग सरकार से की है। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को लेकर चिता जाहिर करते हुए सरकार से सुविधाएं उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया है।

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