राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में निजी स्कूलों के बच्चों भी शामिल

जागरण संवाददाता रोहतक जिला परियोजना समन्वयक कृष्णा फौगाट की अध्यक्षता में डीपीसी कार्याल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:47 AM (IST)
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में निजी स्कूलों के बच्चों भी शामिल
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में निजी स्कूलों के बच्चों भी शामिल

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला परियोजना समन्वयक कृष्णा फौगाट की अध्यक्षता में डीपीसी कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिला के सभी खंडों के 21 विशेष अध्यापक आनलाइन माध्यम से जुड़े। कृष्णा फौगाट ने कहा कि बौद्धिक दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय संस्थान द्वारा योजना क्रियान्वित की जा रही है। इसके तहत मानसिक रूप से बीमार बच्चों तथा बौद्धिक दिव्यांग बच्चों को टीचिग लर्निंग सामग्री किट उपलब्ध करवाई जाती है। जिनके माता-पिता की मासिक आय 15 हजार रुपये तक है। यह किट प्राप्त करने के लिए इन बच्चों को आधार कार्ड व अन्य फोटो पहचान दस्तावेज, वैध दिव्यांगता प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र, अनुसूचितजाति / जनजाति से संबंधित बच्चों के मामलें में जाति प्रमाण पत्र और पासपोर्ट आकार के फोटो आवश्यक है। यह किट नोएडा स्थित एनआइईपीआइडी द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है।

कृष्णा फौगाट ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के अन्तर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। अब तक यह योजना केवल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए लागू थी। सरकार द्वारा इस कार्यक्रम के तहत निजी स्कूलों में पढऩे वाले छह से 18 वर्ष तक के बच्चों को भी शामिल किया है। जो आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में शामिल है। यह बच्चे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों तथा एमपैनल निजी अस्पतालों में ईलाज की सुविधाएं प्राप्त कर सकते है। इसके लिए निजी विद्यालय के प्राचार्य को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के संयोजक उपसिविल सर्जन से संपर्क करना होगा।

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