डीसी दरबार पहुंचा माडल स्कूल में डेवलपमेंट चार्ज मांगने का मामला

माडल स्कूल की ओर से अभिभावकों से भारी फंड मांगे जाने के आरोप लगाते हुए अनेक अभिभावक शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंचे और नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:54 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:54 AM (IST)
डीसी दरबार पहुंचा माडल स्कूल में डेवलपमेंट चार्ज मांगने का मामला
डीसी दरबार पहुंचा माडल स्कूल में डेवलपमेंट चार्ज मांगने का मामला

जागरण संवाददाता, रोहतक :

माडल स्कूल की ओर से अभिभावकों से भारी फंड मांगे जाने के आरोप लगाते हुए अनेक अभिभावक शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंचे और नारेबाजी की। जिसके चलते मौके पर पुलिस बल बुलाया गया। जिसके बाद मॉडल स्कूल की ओर से अभिभावकों से डेवलनमेंट चार्ज मांगने का मामला डीसी दरबार पहुंचा और अभिभावकों ने डीसी के शिकायत दी। डीसी ने मामले में निर्णय लेकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

इससे पहले अनेक अभिभावक सुबह मॉडल स्कूल के समक्ष एकत्रित हुए। उन्होंने स्कूल प्रबंधन की ओर से हजारों रुपये डेवलपमेंट फीस व अन्य फंड वसूले जाने का आरोप लगाया और नारेबाजी करने लगे। यहां कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा तो अभिभावक जिला उपायुक्त से मिलने लघु सचिवालय गए। जहां उन्होंने डीसी को शिकायत दी।

कपिल दहिया, डा. नफीसा, हरमिद्र, मुकेश वर्मा, मंजू, गुलशन कुमार, सतबीर सिंह, नरेश कुमार, मनी सिंह, दिनेश, पंकज शर्मा, दीपक, देवेंद्र गुलिया आदि अनेक अभिभावकों ने जिला उपायुक्त को बताया कि कोरोना काल में सरकार के आदेश के अनुसार अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जा सकती है। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से हजारों रुपये ट्यूशन फीस के अलावा एडमिशन फीस, सिक्योरिटी फीस, डेवलपमेंट जार्च, एनुअल चार्जिज, स्कूल एक्टीविटी फीस, यहां तक कि डायरी और आइडी कार्य चार्ज के नाम पर हजारों रुपये अभिभावकों से वसूले जा रहे हैं। जिससे अभिभावकों में गहरा रोष बना हुआ है। अभिभावकों ने बताया कि मैनेजमेंट से इन अतिरिक्त शुल्क के विषय में जब पहले बात की थी तो उन्होंने बाद में एडजस्ट या रिफंड करने का आश्वासन दिया था। लेकिन हाल-फिलहाल रिफंड या एडजस्ट करने की बजाए अभिभावकों पर विविध प्रकार से दबाव भी बनाया जा रहा है। बच्चों को डिफाल्डर की सूची में भी डाला जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों को परीक्षा में न बैठने देने, रिजल्ट घोषित न करने जैसी चेतावनी भी दी जा रही है। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना काल में भी अभिभावक स्कूल को कक्षाएं लगाए बिना ट्यूशन शुल्क देते रहे। अक्तूबर माह से ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो पाई हैं। लेकिन ट्यूशन फीस पूरे वर्ष से लगातार ली जा रही है। बच्चों का सिलेबस भी आधा-अधूरा कर दिया गया है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन की ओर से डेवल्पमेंट फीस वसूलना अभिभावकों के साथ अन्याय है। स्कूल शिक्षा निदेशालय के आदेशों के तहत ही चार्ज लगाए गए हैं। ऐसा अलग से कोई नया चार्ज स्कूल की ओर से नहीं लिया जा रहा है। अगर किसी अभिभावक को आर्थिक समस्या है तो वो उसे प्रबंधन के समक्ष रखे, उसके समाधान का प्रयास किया जाएगा।

- अरुणा तनेजा, प्रधानाचार्या, माडल स्कूल, रोहतक।

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