एमडीयू के बाटनी विभाग के एसोसिएट प्रो. बढ़ा रहे हरियाली

धरती को हरा भरा बनाने के लिए रोहतक के एक विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर वर्षाें से प्रयासरत है और अब तक अनेक पौधे लगा चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:46 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:46 AM (IST)
एमडीयू के बाटनी विभाग के एसोसिएट प्रो. बढ़ा रहे हरियाली
एमडीयू के बाटनी विभाग के एसोसिएट प्रो. बढ़ा रहे हरियाली

जागरण संवाददाता, रोहतक : धरती को हरा भरा बनाने के लिए रोहतक के एक विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर वर्षाें से प्रयासरत है और अब तक अनेक पौधे लगा चुके हैं। जिनमें से अनेक पौधे अब तक पेड़ भी बन चुके हैं। यहां हम बात कर रहे हैं एमडीयू के बाटनी विभाग के एसोसिएट प्रो. डा. सुरेंद्र सिंह यादव की। जो यहां 2008 से हरियाली बढ़ा रहे हैं। डा. यादव अब तक एमडीयू ही नहीं बल्कि आउटरीच प्रोग्राम के तहत विश्वविद्यालय से बाहर भी बच्चों, विद्यार्थियों व युवाओं के सहयोग से पौधरोपण करते हैं। इसके साथ ही उन्हें जागरूक भी करते हैं।

डा. सुरेंद्र ने बताया कि उनको स्कूल समय से ही पौधरोपण का शौक है। लेकिन कालेज समय में इसको गति मिली। वहीं, एमडीयू के बाटनी विभाग में 2008 में शिक्षक के तौर पर सेवाएं देना शुरू करने के बाद पौधरोपण को उन्होंने जीवन का एक अहम हिस्सा बना लिया। उन्होंने अब तक हरियाणा के विभिन्न जिलों, विशेष रूप से दक्षिण हरियाणा के गांवों और अरावली की पहाड़ियों में भी पौधरोपण किया है। एमडीयू में विश्वविद्यालय की ओर से चलाए कार्यक्रमों में भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। एमडीयू के गोद लिए गांव पहरावर, आसन, बनियानी, माडौदी आदि गांवों में ग्रामीण युवाओं के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण किया है। यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम के तहत इन गांवों में पौधरोपण किया गया है। मार्च में भाली आनंदपुर में पौधरोपण किया गया और बच्चों को भी पौधरोपण के प्रति जागरूक भी किया गया।

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इन किस्मों के लगाए हैं पौधे :

डा. सुरेंद्र के मुताबिक उन्होंने फलदार, फूलदार व छायादार और औषधीय पौधे लगाए हैं। अब तक जो पौधे लगा चुके हैं उनमें ज्यादातर नीम, बरगद, पीपल, आम, अमरूद, अमलताश, आंवला, जामुन, शहतूत, शीशम, बेलपत्र, शप्तपर्णा, अर्जुन, सहजन, कचनार, ढाक, नींबू, लेसुआ, गुलमोहर, पिलखन, मोलसरी, कदम, अशोक, ईमली, बेर, सेमल आदि किस्मों के पौधे शामिल हैं।

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पौधरोपण का बताते हैं महत्व :

उनका कहना है कि प्राणदायी आक्सीजन बढ़ाने के लिए पौधरोपण जरूरी है। पौधे कार्बन डाइआक्साइड को सोखते हैं। जलवायु परिवर्तन में मददगार होते हैं और वाटर फिल्टर का भी काम करते हैं। भूमि कटाव रोकते के साथ ही उपाजाऊ शक्ति भी बढ़ाते हैं। दरअसल पौधे जीवन का आधार हैं। इनसे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है और ये प्रदूषण कम करते हैं। छाया देने के साथ ही तापमान नियंत्रित भी करते हैं। पौधरोपण करने से प्राकृतिक सुंदरता बढ़ती हैं। पक्षियों व अन्य जीवों के लिए ये आसरा हैं। जैव विविधता में इनकी खास भूमिका है। पौधरोपण से व्यक्ति का प्रकृति का जुड़ाव होता है।

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बरसाती सीजन में लगाएंगे पौधे :

उन्होंने बताया कि बरसाती सीजन में इस बार भी पौधे लगाए जाएंगे। गांवों और शहर में पौधरोपण कार्यक्रम किए जाएंगे। गांव में चारागाह, तालाबों के पास, खेतों के मेढ के साथ पौधे लगाएंगे।

इसके अलावा शहर में सड़क किनारे आदि स्थानों पर पौधे लगाएंगे। भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिग, प्रश्नोतरी, जागरूकता रैली निकालकर पौधरोपण के प्रति युवाओं को जागरूक भी करेंगे।

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