वायरल इंफेक्शन में नहीं लेनी चाहिए एंटीबायोटिक्स

हमें हमेशा एंटीबायोटिक्स लिखने से पहले मरीज की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए क्योंकि वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक्स नहीं देनी चाहिए। बच्चे बहुत मासूम होते हैं उन्हें कभी भी बिना वजह एंटिबायोटिक्स नहीं दी जानी चाहिए और हमेशा एक अच्छे चिकित्सक की सलाह पर ही बच्चे को दवाई देनी चाहिए। हमें झोला छाप चिकित्सक की सलाह पर कभी भी एंटीबायोटिक्स नहीं खानी चाहिएं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 06:54 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 06:54 PM (IST)
वायरल इंफेक्शन में नहीं लेनी चाहिए एंटीबायोटिक्स
वायरल इंफेक्शन में नहीं लेनी चाहिए एंटीबायोटिक्स

जागरण संवाददाता, रोहतक : हमें हमेशा एंटीबायोटिक्स लिखने से पहले मरीज की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए क्योंकि वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक्स नहीं देनी चाहिए। बच्चे बहुत मासूम होते हैं, उन्हें कभी भी बिना वजह एंटिबायोटिक्स नहीं दी जानी चाहिए और हमेशा एक अच्छे चिकित्सक की सलाह पर ही बच्चे को दवाई देनी चाहिए। हमें झोला छाप चिकित्सक की सलाह पर कभी भी एंटीबायोटिक्स नहीं खानी चाहिएं। यह कहना है पीजीआइएमएस निदेशक डा. गीता गठवाला का। वे शनिवार को लेक्चर थियेटर पांच में आयोजित एंटीमाइक्रोबिअल जागरूकता सप्ताह 2021 कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित हुई थी।

एमबीबीएस छात्रों को संबोधित करते हुए निदेशक डा. गीता गठवाला ने कहा कि जब चिकित्सक को जांच में पता चले कि इंफेक्शन है तभी एंटीबायोटिक्स देनी चाहिए। यदि किसी को फंगल इंफेक्शन है तो उसे सिर्फ फंगल इंफेक्शन की दवाई दें, उसमें बिना वजह एंटीबायोटिक्स को शामिल ना करें। उन्होंने कहा कि जहां पर आप कार्य करते हैं, वहां की एंटीबायोटिक्स पालिसी होनी चाहिए। डा. गीता गठवाला ने कहा कि यदि हम बिना वजह मरीज को एंटीबायोटिक्स लिखते हैं तो उससे मरीज को मंहगी दवा बिना वजह खरीदनी तो पड़ती ही है, उसके साथ ही उससे उसके शरीर पर भविष्य में विपरीत असर भी पड़ता है। चिकित्सा अधीक्षक डा. ईश्वर सिंह ने कहा कि यदि हम वायरल में मरीज को एंटीबायोटिक्स दे देते हैं और कुछ दिन में मरीज को इंफेक्शन हो जाता है तो फिर एंटीबायोटिक्स देनी पड़ती है। बिना वजह ज्यादा एंटीबायोटिक देने से रजिडेंट फैलता है। माइक्रोबायालोजी विभागाध्यक्ष डा. अर्पणा परमार ने बताया कि 18 से 24 नवंबर तक विश्व एंटीमाइक्रोबियल जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके अंर्तगत शनिवार को नेशनल सेंटर फार डिसिज कंट्रोल, एमओएचएफडब्लू के सहयोग से व्याख्यान आयोजित किया गया है। डा. अर्पणा ने बताया कि बहुत जल्द एंटीबायोटिक्स पालिसी बनाकर पूरे अस्पताल के विभागों में वितरित की जाएगी। विद्यार्थियों को एंटीबायोटिक्स को लेकर किए जा रहे सर्वें का फार्म भरने की हैंड्स आन ट्रेनिग भी करवाई गई। इस अवसर पर डा. राकेश मित्तल, डा. निती मित्तल, डा. निधि गोयल, डा. कौशल्या भी उपस्थित थे।

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विक्रम बनेटा

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