190 करोड़ की अमृत योजना बनी आफत, ढाई साल बाद भी काम अधूरे
शहर की कई कालोनियों के लिए अमृत योजना राहत के बजाय आफत बन गई है। करीब 190 करोड़ रुपये की योजना पर अक्टूबर 2018 में काम शुरू हुआ था। महज 18 माह में सभी कार्य पूरे होने थे। अधिकारी योजना पर काम पूरा कराने के बजाय दो बार तारीख बढ़ा चुके हैं। प्री-मानसून की बरसात शुरू हो चुकी है।
अरुण शर्मा, रोहतक
शहर की कई कालोनियों के लिए अमृत योजना राहत के बजाय आफत बन गई है। करीब 190 करोड़ रुपये की योजना पर अक्टूबर 2018 में काम शुरू हुआ था। महज 18 माह में सभी कार्य पूरे होने थे। अधिकारी योजना पर काम पूरा कराने के बजाय दो बार तारीख बढ़ा चुके हैं। प्री-मानसून की बरसात शुरू हो चुकी है। फिलहाल कई कालोनियों में सीवरेज की लाइन बिछा दी, लेकिन कनेक्शन नहीं जोड़े। कुछ कालोनियों में सड़कें तोड़ दी हैं। उन्हें नए सिरे से निर्मित कराने के लिए नगर निगम ने आज तक योजना तय नहीं की। इसी तरह से डेयरी काम्प्लेक्स हो या फिर दूसरी कालोनियां। वैध की गईं 34 कालोनियों में हुए कार्य
2013 में वैध हुई 34 कालोनियों में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य कराया गया। जिन कालोनियों में सीवरेज लाइन बिछने से वंचित रहीं कालोनियों में कार्य कराया गया। छह जोन में बांटा गया है। करीब 175 किमी सीवरेज लाइन को बिछाने का कार्य दो साल में पूरा करना होगा। नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि वार्ड-16 स्थित हिसार रोड पर कुताना बस्ती में सबसे पहले काम शुरू हुआ था। वहीं, दिल्ली रोड पर आइएमटी के निकट भी सड़कें तोड़ दी गईं। इन्हें भी निर्मित नहीं कराया गया। लोक निर्माण विभाग की 12 करोड़ की सड़कें तोड़ी
लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि करीब 12 करोड़ रुपये की सड़कें अमृत योजना में काम कराने के दौरान तोड़ी गईं। बताया जा रहा है कि अभी तक निगम की तरफ से छह-सात करोड़ रुपये ही जमा कराए गए हैं। शेष रकम का भुगतान लोक निर्माण विभाग को नहीं हुआ। इसी तरह शहर में कई सड़कें टूटी पड़ी हैं। वर्जन
खोखरा कोट क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अधूरा है। दूसरे स्थानों पर ज्यादातर कार्य पूरे हो चुके हैं। कुछ स्थानों पर एसटीपी पर काम होना शेष है, हो सकता है कि इन्हीं कारणों से लाइन नहीं जोड़ी गई हों।
प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम
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शहर में नगर निगम, जनस्वास्थ्य विभाग भी कार्य कराते हैं। अमृत योजना के कार्य हमारी तरफ से कराए जा रहे हैं। कई स्थानों पर हमारे कार्य नहीं हैं लेकिन लोगों को जानकारी नहीं है इसलिए हमारी बेवजह ही बदनामी होती है। डेयरी काम्प्लेक्स में कार्य अभी पूरे नहीं हुए है। अमृत योजना के सभी कार्य छह माह में पूरे हो जाएंगे। हम बेहतर गुणवत्ता से कार्य करा रहे हैं। हम खामी क्यों छोड़ेंगे जब हमें छह साल तक मेंटीनेंस के कार्य कराने हैं।
नवल शर्मा, प्रबंधक, अमृत योजना
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मैं नगर निगम की सीवरेज-पानी की सब कमेटी का चेयरमैन हूं। अधिकारी कोई भी ब्योरा उपलब्ध नहीं कराते हैं। अमृत में कहां अधूरे कार्य पड़े हैं और क्या दिक्कतें हैं इसे लेकर बैठक बुलाई जाएगी। अधिकारियों को तत्काल ही नगर निगम हाउस की बैठक बुलाकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
सुरेश किराड़, पार्षद, वार्ड-6
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नगर निगम के अधिकारी सोए हुए हैं। सवा साल से कोरोना का ही बहाना है। एक भी काम नहीं हो रहा। अमृत योजना से राहत के बजाय आफत खड़ी कर दी है। सही सलामत सड़कें तोड़ दी हैं, अब निर्मित नहीं कराईं जा रहीं। अधिकारी निगम हाउस की बैठक बुलाएं और शहर की जनता को अपना पक्ष बताएं।
कृष्ण सेहरावत, पार्षद, वार्ड-1
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मैं तो सीधे तौर से कहूंगा कि अमृत योजना के कार्यों की उच्चस्तरीय जांच हो। कहां लाइन बिछी और कहां-कहां काम अटके पड़े हैं कोई बताने वाला नहीं। मैंने गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए तो पुलिस के फोन आ जाते हैं। लगता है कि काम कराने वालों की ऊंची पहुंच है।
सूरजमल किलोई, पार्षद पूनम किलोई के प्रतिनिधि, वार्ड-19 -- इन मामलों से समझें लापरवाही :
केस एक : वार्ड-20 की पार्षद पूनम किलोई के प्रतिनिधि व भाजपा नेता सूरजमल किलोई का दावा है कि एकता कालोनी में आज तक लाइन नहीं बिछाई। छह बार नगर निगम के अधिकारियों व मेयर मनमोहन गोयल से शिकायत कर चुके हैं। कन्हेंली रोड स्थित डेयरी काम्प्लेक्स में सीवरेज लाइन बिछाने में लेवल ठीक नहीं किया।
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केस दो : वार्ड-1 के पार्षद कृष्ण सेहरावत का दावा है कि शास्त्री नगर में सीवरेज लाइन मार्च में ही बिछा दी है। लेकिन आज तक कनेक्शन नहीं जोड़े। बरसाती सीजन है, अब दूषित पानी कहां निकाला जाए। इसी तरह सैनिक कालोनी व हिसार रोड पर सही सड़कों को तोड़ दिया। अब इन्हें निर्मित नहीं कराया जा रहा है।
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केस तीन : वार्ड-7 निवासी सुमित सैनी ने बताया कि हैफेड रोड पर काम अधूरा पड़ा है। आज यहां पूरा काम कराने कोई नहीं आया। सही सड़क को तोड़कर पेयजल आपूर्ति के कार्य कराए गए थे।
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केस चार : वार्ड-6 के पार्षद सुरेश किराड़ ने बताया कि हनुमान कालोनी व फतेहपुर कालोनी में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य अधूरा है। यहां जो लाइन बिछाई जा चुकी है वह पहली बरसाती में ही भर गई। मैंने संबंधित कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया। दूसरे वार्डों में भी यही हाल है, कोई सुनने वाला नहीं है।
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केस पांच : वार्ड-21 स्थित अजीत कालोनी में सीवरेज लाइन एक साल पहले ही बिछा दी, लेकिन कालोनी स्थित घरों से आज तक कनेक्शन नहीं जोड़े। खाली प्लाट में ही दूषित पानी निकालना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने कनेक्शन खुद ही जोड़ लिए थे। मगर सीवरेज लाइन में मिट्टी भर गई। इसीलिए जल निकासी के इंतजाम नहीं।
-- छह जोन की 34 कालोनियों के 74 स्थानों सीवरेज लाइन का होना था कार्य :::
1. सिंहपुरा जोन : नेहरू कालोनी, बरसी नगर, रूप नगर, संजय कालोनी, शिव कालोनी, सूर्य नगर, खोखराकोट, आइडीसी क्षेत्र।
2. शुगरमिल रोड जोन : अजीत कालोनी, अमृत कालोनी, आनंद नगर, न्यू जनता कालोनी, कुंज बिहार, न्यू अग्रसेन कालोनी, न्यू विजय नगर, गोकुल कालोनी, शीतल नगर, शेर बिहार, बस्ती कुताना, सुनारियां कलां-खुर्द।
3. पीजीआइएमएस जोन : कबीर कालोनी, तिलक नगर एक्सटेंशन, हरकी देवी कालोनी।
4. हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण जोन : कन्हेंली।
5. पीर बोधी जोन : प्रवेश नगर, विशाल नगर, बसंत बिहार, उत्तम विहार।
6. गढ़ी बोहर जोन : बोहर माजरा कालोनी, फ्रेंड्स कालोनी, बोहर मेलवान-भूपान, खेड़ी साध, गढ़ी बोहर, पहरावर।
-- अमृत योजना को ऐसे समझें ::
सीवरेज की लाइन बिछाने पर होंगे खर्च : 190 करोड़
कुल वैध कालोनियां : 34
इतने स्थानों पर बिछेगी सीवरेज लाइन : 75
शहर को बांटा गया : 06 जोन
कुल किमी सीवरेज लाइन होगी : 175 किमी
काम शुरू हुआ था : अक्टूबर 2018
योजना पर काम होना था पूरा : 18 माह में
अब क्या : दो बार कार्य बढ़ने की तिथि तय स्त्रोत : आंकड़े नगर निगम के हिसाब से।