बीटी कपास की खेती पर कृषि विभाग का जोर

कृषि विभाग की ओर से बीटी कपास की खेती पर जोर दिया गया है। इसके लिए पहले अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षित अधिकारी फिर किसानों के लिए शिविर लगाकर उनको प्रशिक्षित करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 08:40 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 08:40 AM (IST)
बीटी कपास की खेती पर कृषि विभाग का जोर
बीटी कपास की खेती पर कृषि विभाग का जोर

जागरण संवाददाता, रोहतक : कृषि विभाग की ओर से बीटी कपास की खेती पर जोर दिया गया है। इसके लिए पहले अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षित अधिकारी फिर किसानों के लिए शिविर लगाकर उनको प्रशिक्षित करेंगे। काटन की बढ़ती मांग के मद्देनजर किसानों के लिए बीटी कपास की खेती करना फायदेमंद माना जा रहा है। रोहतक में सैंकड़ों एकड़ में कपास की खेती की जाती है। बीटी कपास के लिए अप्रैल और मई में बिजाई होती है। ऐसे में किसान इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे तो उनकी आय बढ़ सकती है। इसको लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने भी सुझाव दिए हैं और बीटी कपास की खेती को फायदेमंद बताया है।

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. रामकरण ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश पर कपास के सभी जिलों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसका पहला चरण 28 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। इन शिविरों में कृषि विभाग से जुड़े सभी अधिकारी, एटीएम, बीटीएम एवं कृषि सुपरवाइजर को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रकार के शिविर आगे भी जारी रहेंगे ताकि कपास में आने वाली समस्याओं से किसानों को समय समय पर अवगत कराया जा सके व उनका निदान भी किया जा सके। उनके मुताबिक कृषि विश्वविद्यालय की ओर से सुझाव भी दिया गया है कि किसान बीटी कपास का सिफारिश किया हुआ बीज लें। बीटी कपास के दो पैकेट प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई करें। कतार से कतार व पौधे से पौधे की दूरी निर्धारित क्रम अनुसार रखे। 15 मई तक पूरी करें बिजाई :

बीटी कपास की बिजाई को 15 मई तक अवश्य पूरा कर लें। कपास की शुरुआती अवस्था में ज्यादा जहरीले कीटनाशकों का प्रयोग ना करें, ऐसा करने से मित्र कीटों की संख्या भी कम हो जाती है। इस वर्ष कपास की बिजाई कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों की सिफारिशों के अनुसार करें, ताकि कपास का उत्पादन अधिक से अधिक हो सके।

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