भूमि की बिगड़ी तासीर पर कृषि विशेषज्ञों और किसानों ने किया मंथन

रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की तासीर बिगड़ती जा रही है। भूमि की इसी बिगड़ी तासीर पर रविवार को रोहतक में कृषि विशेषज्ञों और किसानों ने मंथन किया। भूमि सुपोषण अभियान के तहत शिक्षा भारती विद्यालय राम नगर में संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञ बोले कि भूमि की सेहत को रसायन खराब कर रहे हैं। जिस कारण रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं प्राकृतिक खेती करने वाले किसान फूल कुमार ने कहा कि एक साल के अंदर विविध प्रकार की फसल उगाकर किसान प्रति एकड़ छह से 12 लाख रुपए तक की पैदावार कर सकते हैं। जब से वे प्राकृतिक खेती करने लगे हैं तब से किसी प्रकार की बीमारियों का सामना करना नहीं पड़ा। कार्यक्रम में मुख्यातिथि सह प्रांत प्रचारक डा. सुरेंद्रपाल रहे। उन्होंने भूमि सुपोषण अभियान के चलते भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रकार की विधियां बताई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:34 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:34 AM (IST)
भूमि की बिगड़ी तासीर पर कृषि विशेषज्ञों और किसानों ने किया मंथन
भूमि की बिगड़ी तासीर पर कृषि विशेषज्ञों और किसानों ने किया मंथन

जागरण संवाददाता, रोहतक : रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की तासीर बिगड़ती जा रही है। भूमि की इसी बिगड़ी तासीर पर रविवार को रोहतक में कृषि विशेषज्ञों और किसानों ने मंथन किया। भूमि सुपोषण अभियान के तहत शिक्षा भारती विद्यालय राम नगर में संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञ बोले कि भूमि की सेहत को रसायन खराब कर रहे हैं। जिस कारण रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं प्राकृतिक खेती करने वाले किसान फूल कुमार ने कहा कि एक साल के अंदर विविध प्रकार की फसल उगाकर किसान प्रति एकड़ छह से 12 लाख रुपए तक की पैदावार कर सकते हैं। जब से वे प्राकृतिक खेती करने लगे हैं तब से किसी प्रकार की बीमारियों का सामना करना नहीं पड़ा। कार्यक्रम में मुख्यातिथि सह प्रांत प्रचारक डा. सुरेंद्रपाल रहे। उन्होंने भूमि सुपोषण अभियान के चलते भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रकार की विधियां बताई। उन्होंने कहा कि खेती में ज्यादा रासायनिक खादों के प्रयोग से अनाज, फल, सब्जियां सभी जहरीले हो गए हैं। जिससे अनेक प्रकार की बीमारियां फैल रही है। वर्तमान समय मे जल, जन, जमीन, जंगल, जीव को बचाने के लिए भूमि सुपोषण का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है। अभियान के संयोजक नवीन भाली ने अपने अनुभव प्रकट किए। पूजा मलिक सती भाई सांई दास सेवा दल ने बताया कि वह अपने स्कूल के विद्यार्थियों को पर्यावरण बचाओ के संदेश देती रहती है। ग्राम विकास गतिविधि के सह प्रांत प्रमुख अनूप ने बताया कि रासायनिक खादों ने किस तरह से खेती को व पर्यावरण को नष्ट कर दिया है। रासायनिक खादों की जगह हमें गाय व भैंस के गोबर से बनाई गई खाद का उपयोग करना चाहिए। यह भूमि के लिए लाभदायक है। संगोष्ठी में रहा 20 गांवों का प्रतिनिधित्व :

इस संगोष्ठी में 20 गांवों का प्रतिनिधित्व रहा। हरिओम भाली ने मंच का संचालन किया। अभियान के प्रचार प्रसार का कार्य सचिन बखेता ने किया। इस अवसर पर शिव कुमार विभाग प्रचारक, देवेंद्र गोयल, पर्यावरण गतिविधि जिला संयोजक संजय मलिक, ग्राम विकास गतिविधि जिला प्रमुख संदीप कंसाला, हिमांशु, देवी शर्मा, अभिषेक, नीरज, रविद्र, जोगिदर, सुरेंद्र, सुनील लाढोत, बंसीलाल चिड़ी आदि मौजूद रहे।

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