आर्गेनिक खेती के बाद अब सब्जी के माडल की तैयारी
अनिता सिंहमार महम किसान जहां आम खेती के लिए गेहूं और धान की फसल पर दिन-रात पसीना बह
अनिता सिंहमार, महम : किसान जहां आम खेती के लिए गेहूं और धान की फसल पर दिन-रात पसीना बहाते नहीं थकते। वहीं कुछ किसानों के पास कम जमीन होने पर भी गेहूं व धान की फसल से पांच से आठ गुणा पैसा कमाने में लगे हुए हैं। क्षेत्र के गांव भैणी मातो के किसान फूलकुमार ने पिछले कई वर्ष पहले आर्गेनिक खेती शुरू की थी। दो साल पहले फूलकुमार ने तीन एकड़ जमीन में फलों का बाग लगाया था। जिसमें केला, मौसमी, कीन्नू, आडू, पपीता, अनार, सहजन व अंजीर जैसे फलों से लाखों की कमाई करने के बाद अब उन्होंने फलों की तरह एक एकड़ में 20 प्रकार की सब्जियों का माडल तैयार किया है। हाल ही में उन्होंने घीया, तोरी, करेला, मित्र हल्दी, टमाटर, पेठा, कातोरा, खीरा, परमल आदि प्रकार की सब्जियां लगाई गई हैं। कई सब्जियों को ऐंगल लगाकर कम जमीन में अधिक पैसे की पैदावार करने का तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। फूलकुमार ने बताया कि इस माडल से उन्हें सालाना पांच लाख की आमदनी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि उनके पास इलाके के कई गावों के किसान आर्गेनिक फलों व सब्जियों की पैदावार की तकनीक सी्खने के लिए पहुंच रहे हैं।
-पहले बनाते थे मजाक
किसान फूलकुमार का कहना है कि जब उन्होंने आर्गेनिक खेती शुरू की थी तो गांव के किसान उन्हें पागल कहने लगे थे। उस समय उसकी पत्नी भगवानी व बेटियों ने उनका हौंसला बढ़ाया था। उसके बाद उन्होंने नई नई तकनीक से खेती शुरू की। आज वे अपने से पांच गुणा जमीन वाले किसानों से अधिक आमदनी लेते हैं। उनके अनुसार गेहूं व धान की खेती के पीछे जितनी मेहनत करते हैं, यदि उतनी मेहनत अन्य आर्गेनिक खेती पर कर ली जाए तो आमदनी पांच गुणा तक बढ़ सकती है। फूलकुमार को अब तक किसान एक्सप्रो, हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय हिसार, राज्यपाल आचार्य देववर्त आदि से कम जमीन मे अधिक आमदनी की खेती करने पर सम्मानित किया जा चुका है।
-पंच सत्रीय बागवानी से करता है आमदनी कई गुणा : डा. कमल
बागवानी अधिकारी डा. कमल सैनी ने बताया कि किसान फूलकुमार पंच सत्रीय बागवानी करता है। जो आपस में खराब नहीं होती। यह अपनी खेती के लिए पौध बाजार से ना खरीद कर खेत में ही तैयार करता है। यह किसान लंबवत खेती करता है। इसने फ्ऱुट की खेती भी बेहतर की है। पिछले वर्ष इन्हें 70 हजार की सब्सिडी दी थी। अब सब्जियों का जो माडल तैयार किया गया है उसमें पांच लाख आमदनी कोई ज्यादा बड़ा कार्य नहीं है।