कुत्तों के बधियाकरण पर 80 लाख खर्च, अब पागल कुत्तों ने बढ़ाई परेशानी

शहरी क्षेत्र में कुत्तों के बधियाकरण के लिए ढाई साल पहले टेंडर हुआ था। लोग कुत्तों से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 05:18 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 05:18 AM (IST)
कुत्तों के बधियाकरण पर 80 लाख खर्च, अब पागल कुत्तों ने बढ़ाई परेशानी
कुत्तों के बधियाकरण पर 80 लाख खर्च, अब पागल कुत्तों ने बढ़ाई परेशानी

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में कुत्तों के बधियाकरण के लिए ढाई साल पहले टेंडर किए गए। करीब 80 लाख रुपये खर्च हो गए। फिलहाल शहरी क्षेत्र में पागल कुत्तों के कारण परेशानी बढ़ गई है। नगर निगम के अधिकारियों से मांग उठने लगी कि हर हाल में पागल कुत्तों को पकड़ने या फिर अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई हो। इसलिए निगम प्रशासन ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक बुलाई है।

शहरी जनता की मांग और पार्षदों की लगातार आपत्तियों के बाद निगम के अधिकारियों ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने का फैसला लिया है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले में पशुपालन विभाग से पागल कुत्तों को पकड़वाने या फिर अन्य कार्रवाई कराने के लिए बात करेंगे। इसमें एक मोबाइल नंबर या फिर लैंडलाइन नंबर सार्वजनिक कराने की कोशिश होगी। जिससे आमजन फोन करके समस्या बता सके। बाद में पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर पागल कुत्ते को पकड़ सके। 860 बेसहारा पशु पकड़कर भेजे गोशाला

नगर निगम की टीम ने जयपुर की एक निजी फर्म को पशु पकड़ने का कार्य बीते साल सितंबर में सौंपा था। दैनिक जागरण ने बेसहारा पशुओं के कारण होने वाले हादसों का मामला उठाया था। इसके बाद निगम आयुक्त ने बेसहारा पशु पकड़ने के लिए एक फर्म को काम सौंप दिया। अभी तक 860 पशु पकड़कर गोशाला भेजे जा चुके हैं। वर्जन

बंदर पकड़ने के लिए पिजरे जल्द बनकर आ जाएंगे। इसलिए अगले सप्ताह से अभियान शुरू किया जा सकता है। पागल कुत्तों को पकड़ने या फिर अन्य कार्रवाई करने के लिए पशुपालन विभाग के साथ बुधवार को बैठक करेंगे।

प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम

-- बंदर पकड़ने के लिए खुद के पिजरे बनवाएगा निगम

नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा का कहना है कि शहरी क्षेत्र में बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर किए गए थे। लेकिन करीब 12 लाख रुपये का बिल ठेकेदार ने बना दिया। निगम के पास आय के संसाधन कम हैं। इसलिए बंदर पकड़ने का अभियान बंद कर दिया। अब निगम खुद के पांच-छह पिजरे बनवाएगा। इसके बाद नगर निगम बंदर पकड़ने का अभियान शुरू कर देगा। शहरी क्षेत्र में पिछले दो साल के अंदर चार बार अभियान चलाया। यह बोले पार्षद व शहरवासी ::::

कैलाश कालोनी में एक कुत्ता पागल हो गया था। आठ-दस स्थानीय लोगों व राहगीरों को काट लिया। नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत की। मगर अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की।

वीरेंद्र राठी, स्थानीय निवासी, प्रेम नगर

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नगर निगम ने सही कुत्तों को पकड़वाकर बधियाकरण करवा दिया लेकिन जो कुत्ते पागल हो गए हैं, इस पर कोई योजना नहीं बनाई। निगम प्रशासन तत्काल अभियान चलाकर कार्रवाई करे।

सुरेश किराड़, पार्षद, वार्ड-6

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कुत्ते, बंदर और बेसहारा पशु फिलहाल सेक्टरों की जनता के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गए हैं। अधिकारियों को बार-बार बता रहे हैं। स्थाई समाधान के बजाय सिर्फ आश्वासन मिल जाते हैं।

कदम सिंह अहलावत, पार्षद, वार्ड-11

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