13 गांव संवेदनशील घोषित, टिटौली में एक और मौत

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और मौतों को देखते हुए प्रशासन ने जिला के 13 गांवों को संवेदनशील घोषित किया है। कोरोना महामारी बचाव को लेकर इन गांवों में अतिरिक्त सतर्कता और निगरानी प्रशासन द्वारा की जाएगी। साथ ही टेस्टिग सैंपल व कोविड प्रोटोकाल की हिदायतों की पालना को लेकर जनजागरण अभियान भी चलाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 05:50 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 05:50 AM (IST)
13 गांव संवेदनशील घोषित, टिटौली में एक और मौत
13 गांव संवेदनशील घोषित, टिटौली में एक और मौत

जागरण संवाददाता, रोहतक : ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और मौतों को देखते हुए प्रशासन ने जिला के 13 गांवों को संवेदनशील घोषित किया है। कोरोना महामारी बचाव को लेकर इन गांवों में अतिरिक्त सतर्कता और निगरानी प्रशासन द्वारा की जाएगी। साथ ही, टेस्टिग, सैंपल व कोविड प्रोटोकाल की हिदायतों की पालना को लेकर जनजागरण अभियान भी चलाया जाएगा। उधर, गांव टिटौली में मौतों का सिलसिला थम नहीं पा रहा है। शुक्रवार को भी एक बुजुर्ग की मौत हो गई जबकि सैंपलिग में 78 लोगों में से दस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संवेदनशील गांवों में टिटौली, लाखनमाजरा, मोखरा, बलम्बा, खरकड़ा, ईस्माइला, घिलौड़, किलोई, काहनौर सहित अन्य शामिल हैं। 700 आशा वर्कर्स तैयार करेंगी सूची

जिला प्रशासन ने गांवों में बीमार लोगों की सूची तैयार करने के लिए जिला आयुष अधिकारी सुषमा नैन को नोडल आफिसर बनाया है। इनकी देखरेख में जिले की करीब 700 आशा वर्कर्स गांवों में बीमार लोगों की सूची तैयार करेंगी। इसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि कितने लोग गंभीर है और उनको ऑक्सीजन व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है। संवेदनशील गांवों में टेस्टिग, सैंपलिग, सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया अलग से चलेगी। स्वस्थ व्यस्क पुरुष लगाएंगे गांवों में ठीकरी पहरा

जिलाधीश कैप्टन मनोज कुमार ने दी पंजाब विलेज एंड स्मॉल टाउनस पेट्रोल एक्ट 1918 की धारा तीन के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि वे गांव के स्वस्थ व्यस्क पुरुषों की दिन-रात पेट्रोल ड्यूटी लगाये तथा गांव में लोगों को एकत्रित होने से रोके। यह आदेश आगामी 31 जुलाई तक लागू रहेंगे। कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों की गतिविधियों पर पाबंदी लगाना अनिवार्य हो गया है। गांव में सामूहिक रूप से एकत्रित होने, कार्यक्रम करने पर भी पाबंदी लगाने का काम किया जाएगा। वर्जन

जिले के गांवों का सर्वे कराया गया है। जनवरी, फरवरी, मार्च, अपैल माह के बजाय मई में जहां कोरोना संक्रमण के ज्यादा केस आए हैं, उनको चिह्नित किया गया है। इन गांवों को संवेदनशील मानते हुए सैनिटाइजेशन, टेस्टिग, सैंपलिग व लोगों को कोविड प्रोटोकाल की हिदायतों की पालना को लेकर जागरूक किया जा रहा है। गांवों में लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जहां सख्ताई की जरूरत है, वहां पुलिस सख्ताई भी करेगी। साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा टेस्टिग करवाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि कोरोना के शुरुआत में लक्षण आने पर बेहतर इलाज व देखभाल से रिकवर हो सके।

कैप्टन मनोज कुमार, उपायुक्त, रोहतक

chat bot
आपका साथी