बहरीन में दो पदक जीतकर स्वदेश लौटे लक्षित, गुरु ने किया स्वागत

बहरीन में देश के लिए दो पदक जीतने वाले पैरा खिलाड़ी लक्षित बुधवार को स्वदेश लौट आए। लक्षित जिले के गांव खिजूरी के रहने वाले हैं तथा बहरीन में आयोजित चतुर्थ एशियन यूथ पैरा गेम्स में उन्होंने गोला फेंक और भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीते हैं। नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लक्षित का उनके गुरु व अंतरराष्ट्रीय पैरालिपिक खिलाड़ी टेकचंद ने स्वागत किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:12 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:12 PM (IST)
बहरीन में दो पदक जीतकर स्वदेश लौटे लक्षित, गुरु ने किया स्वागत
बहरीन में दो पदक जीतकर स्वदेश लौटे लक्षित, गुरु ने किया स्वागत

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: बहरीन में देश के लिए दो पदक जीतने वाले पैरा खिलाड़ी लक्षित बुधवार को स्वदेश लौट आए। लक्षित जिले के गांव खिजूरी के रहने वाले हैं तथा बहरीन में आयोजित चतुर्थ एशियन यूथ पैरा गेम्स में उन्होंने गोला फेंक और भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीते हैं। नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लक्षित का उनके गुरु व अंतरराष्ट्रीय पैरालिपिक खिलाड़ी टेकचंद ने स्वागत किया। लगातार दो दिन जीते पदक

लक्षित ने बहरीन में चल रही प्रतियोगिता में लगातार दो दिन बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दो पदक जीते थे। तीन दिसंबर को लक्षित ने भाला फेंक में कांस्य पदक जीता था तथा चार दिसंबर को बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हुए इस पैरा खिलाड़ी ने गोला फेंक में भी कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। लक्षित ने 6.90 मीटर दूर गोला फेंककर और 17.95 मीटर दूर भाला फेंककर यह उपलब्धियां हासिल की थीं। लक्षित ने एफ 54 कैटेगरी में हिस्सा लेते हुए पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में दो कांस्य पदक जीतकर अपने करियर की बेहतरीन शुरुआत की है। बहरीन पहुंचने के बाद उनकी दिव्यांग कैटेगरी का निर्धारण किया गया था। इसमें एफ 54 वर्ग में उन्हें भाला और गोला फेंक स्पर्धा में हिस्सा लेने का अवसर मिला। मोटरसाइकिल से गिरकर टूट गई थी रीढ़ की हड्डी: आरपीएस स्कूल धारूहेड़ा के 11वीं कक्षा के छात्र लक्षित को करीब तीन साल पूर्व हुए एक हादसे ने व्हील चेयर पर पहुंचा दिया था। लक्षित मोटरसाइकिल पर से गिर गए थे, जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी, जिसके चलते वह अब अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते। लक्षित ने इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में भी हार नहीं मानी तथा हौसले के साथ नए जीवन की शुरुआत की। लक्षित के पिता शील कुमार बावल की एक निजी कपनी में काम करते हैं। पिता शील कुमार ने अपने बेटे को आगे बढ़ने की हिम्मत दी तथा लक्षित का खेलों की तरफ रुझान हुआ।

गुरु के नक्शेकदम पर चलकर हासिल की सफलता: लक्षित पिछले डेढ़ साल से शहर के राव तुलाराम स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे हैं। लक्षित के कोच अंतर्राष्ट्रीय पैरालिपिक खिलाड़ी व खेल विभाग में प्रशिक्षक टेकचंद है। टेकचंद की देखरेख में ही लक्षित गोला फेंक और भाला फेंक की प्रैक्टिस कर रहे थे। प्रशिक्षक टेकचंद का कहना है कि लक्षित की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है। इतने कम समय में लक्षित ने जो सफलता हासिल की है वह निश्चित तौर पर चौंकाने वाली है। बृहस्पतिवार को रेवाड़ी आएंगे लक्षित: एयरपोर्ट से लक्षित अपने किसी रिश्तेदार के घर पर गुरुग्राम गए हैं। बृहस्पतिवार को लक्षित के रेवाड़ी पहुंचने की संभावना है। खेल विभाग की ओर से लक्षित का राव तुलाराम स्टेडियम में भव्य स्वागत किया जाएगा।

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