डीपीआर पर मुहर से पूर्व रुकावट रहित होगा रूट

आरआरटीएस (रेपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम) की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर केंद्र सरकार की मुहर लगने से पहले कारिडोर का निर्धारित रूट पूरी तरह रुकावट रहित होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:05 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:05 PM (IST)
डीपीआर पर मुहर से पूर्व रुकावट रहित होगा रूट
डीपीआर पर मुहर से पूर्व रुकावट रहित होगा रूट

फोटो: 20 व 21 आरआरटीएस कारिडोर:

-मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं के दबाव के बाद बढ़ी अधिकारियों की सक्रियता

-चिह्नित हुई कारिडोर में आने वाली गुरुग्राम व रेवाड़ी की 22 हेक्टेयर जमीन

-केंद्र सरकार की मुहर लगने से पहले ही एलाइनमेंट के अनुसार वन एवं पर्यावरण विभाग की हरी झंडी के प्रयास में हैं एनसीआरसीटी महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी आरआरटीएस (रेपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम) की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर केंद्र सरकार की मुहर लगने से पहले कारिडोर का निर्धारित रूट पूरी तरह रुकावट रहित होगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल व अन्य नेताओं के दबाव के बाद अब संबंधित अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। आरआरटीएस की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए गठित एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने वन एवं पर्यावरण से संबंधित जरूरी औपचारिकताएं पूरी करवानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में दिल्ली के बाद अब गुरुग्राम व रेवाड़ी जिले से गुजरने वाले कारिडोर के मार्ग में आने वाली लगभग 22 हेक्टेयर ऐसी जमीन चिह्नित की गई है, जो इस समय वानिकी क्षेत्र में शामिल है। वन क्षेत्र की यह जमीन अब जल्दी ही गैर वानिकी कार्य के लिए परिवर्तित की जाएगी।

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डीपीआर की स्वीकृति किसी भी समय आरआरटीएस कारिडोर की डीपीआर दो वर्ष से भी अधिक समय से केंद्र सरकार के पास अटकी है। हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान सहित सभी संबंधित राज्यों की स्वीकृति के बाद एनसीआरटीसी ने डीपीआर को केंद्र की स्वीकृति के लिए भेजा था। एनसीआरटीसी में उन सभी राज्यों की भागीदारी है, जहां से कारिडोर गुजरना है। डीपीआर की स्वीकृति में हो रही देरी का मुद्दा दैनिक जागरण में उठने के कुछ समय बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह संबंधित केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुके हैं। इसका असर यह हुआ है कि अब अधिकारी तेजी दिखाने लगे हैं। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसी भी समय डीपीआर को स्वीकृति दे सकती है। इसलिए जो काम डीपीआर के बाद होने हैं, उन्हें पहले ही पूरा किया जा रहा है ताकि डीपीआर पर मुहर लगते ही काम शुरू हो सके। तीन दिन पूर्व वन विभाग के अधिकारियों ने रेवाड़ी जिले की 8.4 व गुरुग्राम जिले की 13.4 हेक्टेयर जमीन चिह्नित करके अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। राजस्व रिकार्ड में यह फोरेस्ट लैंड (वन क्षेत्र) जल्दी ही गैर वानिकी हो जाएगी। पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को भी जल्दी दूर किया जाएगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भूपेंद्र यादव के पास होने से समस्याओं के जल्द समाधान की उम्मीद है, क्योंकि हरियाणा यादव का गृह राज्य व राजस्थान कर्मभूमि है।

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हरियाणा में दो कारिडोर प्रस्तावित हैं। दिल्ली-पानीपत कारिडोर को हम करनाल तक बढ़वा रहे हैं। इसकी संशोधित डीपीआर को भी एक साथ स्वीकृति दिलवाने का प्रयास है। दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर कारिडोर प्रथम चरण में एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक बनना है।

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हम दोनों कारिडोर की ठोस पैरवी कर रहे हैं। हमारे अधिकारी जुटे हुए हैं। जल्दी ही अच्छे परिणाम की उम्मीद की जानी चाहिए।

-मनोहरलाल, मुख्यमंत्री

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