एटीएम कार्ड बदल ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
पुलिस मौके पर पहुंची और जिला पलवल के उटावड़ के गांव झांडा (रनियाला खुर्द) निवासी आकिल व असफाक को गिरफ्तार कर उनके पास से एक देसी कट्टा व दो कारतूस तथा 57 एटीएम कार्ड जब्त कर लिए।
संवाद सहयोगी, भिवाड़ी: चौपानकी पुलिस ने एटीएम कार्ड बदल कर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर दो युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों से दो दर्जन बैंकों के एटीएम कार्ड, एक देसी कट्टा व कारतूस भी बरामद किए हैं। आरोपित अब तक 20 से भी अधिक बैंकों के ग्राहकों को ठग चुके हैं।
चौपानकी एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया कि सिपाही ओमप्रकाश से सूचना मिली कि चेड़ा चौक चौपनकी के पास दो युवक किसी वारदात को अंजाम देने के लिए खड़े हैं। पुलिस मौके पर पहुंची और जिला पलवल के उटावड़ के गांव झांडा (रनियाला खुर्द) निवासी आकिल व असफाक को गिरफ्तार कर उनके पास से एक देसी कट्टा व दो कारतूस तथा 57 एटीएम कार्ड जब्त कर लिए।
ऐसे करते थे वारदात
एसएचओ ने बताया कि एटीएम बूथ में ग्राहक के अंदर जाने पर दोनों बदमाश साथ ही अंदर चले जाते थे और एटीएम को बाईं तरफ के चार बटन में से ऊपर के बटन को दबाकर हैंग कर देत थे। ग्राहक के दाएं-बाएं खड़े हो जाते थे। इससे ग्राहक के कार्ड से लेन-देन नहीं हो पाता तो उसे बातों में उलझाकर उसकी मदद का झांसा देकर कार्ड ले लेते थे। आरोपित कार्ड से उसके खाते का बैलेंस पता करते तथा पिन नंबर भी देख लेते थे। इसके बाद पलक झपकते ही कस्टमर का एटीएम कार्ड बदल कर अपने पास रख उसी बैंक का दूसरा एटीएम कार्ड उसे थमाकर वहां से निकल जाते थे। दूसरे एटीएम बूथ में जाकर उसी एटीएम कार्ड से रुपये निकाल लेते थे।
इस तरह भी करते हैं ठगी:
उन्होंने बताया कि आरोपित अपने गांव, परिवार और जान-पहचान वालों से एटीएम कार्ड लेकर उसमें पहले 15-20 हजार रुपये खुद डलवाते हैं और अन्य शहरों में जाकर एटीएम में रुपये निकालने की प्रक्रिया शुरू कर देते। जैसे ही मशीन से राशि बाहर आने वाली होती है, तब रुपयों को हाथ से पकड़ लेते हैं, उन्हें बाहर नहीं निकालते हैं। इसी दौरान दूसरा साथी एटीएम का स्विच ऑफ कर तुरंत ऑन कर देता है और इस दौरान ही पहला साथी रुपये खींच कर बाहर निकाल लेता है। उसके बाद एटीएम बूथ से बाहर आ जाते। अगले दिन कार्ड के पीछे लिखे हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके खाते से रुपये कटने की शिकायत दर्ज करवा देते। बैंक इस शिकायत पर जांच करके सात दिन में रुपये वापस लौटा देते। आरोपितों ने बताया कि वह जिनसे कार्ड लेते हैं, उन्हें भी कुछ फीसद हिस्सा देते थे।