गांधी ब्रिगेड के नायक को किया जाता है आज भी अदब से याद

किसी स्वतंत्रता सेनानी का जन्म दिवस तथा पुण्यतिथि दोनों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से मिलती हो तो इसे संयोग ही कहा जायेगा। आजाद हिद फौज की गांधी ब्रिगेड के नायक रहे रेवाड़ी नगर के स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मण सिंह यादव की रोचक जीवनी में यह संयोग देखने को मिलता है। 30 जनवरी को उनकी 35वीं पुण्यतिथि पर उनके पैतृक मकान ब्रह्मगढ़ के निकट स्थित सेनानी परिवार भवन में हवन का आयोजन कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। ब्रिगेड के नायक लक्ष्मण सिंह यादव का जन्म 2 अक्टूबर 1918 को रेवाड़ी में हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 08:04 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 08:04 PM (IST)
गांधी ब्रिगेड के नायक को किया जाता है आज भी अदब से याद
गांधी ब्रिगेड के नायक को किया जाता है आज भी अदब से याद

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : किसी स्वतंत्रता सेनानी का जन्म दिवस तथा पुण्यतिथि दोनों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से मिलती हो तो इसे संयोग ही कहा जायेगा। आजाद हिद फौज की गांधी ब्रिगेड के नायक रहे रेवाड़ी नगर के स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मण सिंह यादव की रोचक जीवनी में यह संयोग देखने को मिलता है। 30 जनवरी को उनकी 35वीं पुण्यतिथि पर उनके पैतृक मकान ब्रह्मगढ़ के निकट स्थित सेनानी परिवार भवन में हवन का आयोजन कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। ब्रिगेड के नायक लक्ष्मण सिंह यादव का जन्म 2 अक्टूबर 1918 को रेवाड़ी में हुआ। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे इस बालक के पिता ताराचंद तथा मां चांदकौर देवी का साया मात्र 6 साल की अल्प आयु में सिर से उठ गया तथा इनका लालन पालन इनके ताऊ मुन्नी लाल तथा ताई अंगनी देवी ने किया। जुबली ब्रेन अहीर हाई स्कूल से सन 1937 में इन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की। स्कूल स्तर पर हाकी तथा क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे लक्ष्मण सिंह यादव फौज में भर्ती हो गए तथा दूसरे विश्वयुद्ध में सिगापुर में लड़ाई में भाग लिया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आह्वान पर आजाद हिद फौज में शामिल हुए तथा गांधी ब्रिगेड में नायक के तौर पर उत्कृष्ट सेवाएं दी। लड़ाई में एक गोली उनके माथे पर लगी, जिसकी पीड़ा वे आजीवन झेलते रहे। देश की आजादी के लिए अपने सहयोगियों के साथ इन्होंने सिगापुर तथा अन्य क्षेत्रों में सात साल तक जेलों में रहकर यातनाएं सही। जेल से रिहा होने पर जब वे अपने देश पहुंचे तो गृहनगर रेवाड़ी के रेलवे स्टेशन से उन्हें भव्य स्वागत के साथ घर लाया गया। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को चिरस्थायी एवं प्रेरणापुंज बनाने के लिए गठित स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मण सिंह यादव मेमोरियल समिति प्रयासरत है। महासचिव सत्यवीर नाहड़िया ने बताया कि समिति हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले लोगों तथा जिले के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान करती है।

chat bot
आपका साथी