कार्रवाई के विरोध में चिकित्सकों का फूटा गुस्सा

गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की डा. के. लाल अल्ट्रासाउंड पर की गई कार्रवाई के विरोध में चिकित्सकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:10 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:10 PM (IST)
कार्रवाई के विरोध में चिकित्सकों का फूटा गुस्सा
कार्रवाई के विरोध में चिकित्सकों का फूटा गुस्सा

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की डा. के. लाल अल्ट्रासाउंड पर की गई कार्रवाई के विरोध में चिकित्सकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। चिकित्सकों का कहना है कि सिर्फ अपनी रेड को पूरी करने के लिए इस तरह की ओछी हरकत की गई। चिकित्सक किसी भी कीमत पर इस तरह की तानाशाही को सहन नहीं करेंगे। यह कार्रवाई सिर्फ इसलिए की गई ताकि स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व टीम में शामिल लोग अपनी रेड को पूरी कर सकें। सरकार ने पीएनडीटी कार्रवाई करने वाले चिकित्सकों व अन्य लोगों के लिए पुरस्कार राशि का प्रविधान किया हुआ है। यही कारण है कि खुद के पुरस्कार के लिए सरकारी चिकित्सक जानबूझकर इस तरह की रेड मारते हैं। डा. के लाल अल्ट्रासाउंड वाले मामले में भी मरीज के फर्जी कागजात दिए गए तथा गलत नाम से पहले महिला चिकित्सक के पास और बाद में अल्ट्रासाउंड केंद्र में जांच कराई गई। फर्जीवाड़े का मुकदमा तो इन लोगों के खिलाफ बनता है।

-डा. पवन गोयल प्रधान आइएमए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस तरह की जबरदस्ती की कार्रवाई किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। दलाल से मारपीट करके उसके बयान दर्ज कराए गए। अस्पताल से सीसीटीवी की डीवीआर तक निकाल ली गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम को किसी भी तरह से चिकित्सक को फंसाना था और केवल इसलिए ही कार्रवाई की जा रही थी।

-डा. करतार सिंह यादव, पूर्व प्रधान आइएमए देर रात तक डा. राजेश गोयल को गिरफ्तार करने की साजिश चलती रही जबकि तब तक कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ था। जांच के बाद ही सारी कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन सोची समझी रणनीति के तहत सारा काम किया जा रहा था। इस तरह के खेल पर अब रोक लगाने की जरूरत है अन्यथा चिकित्सक तो किसी जरूरतमंद का उपचार करने से ही कतराने लगेंगे।

-डा. शिवरतन यादव, पूर्व प्रधान आइएमए अगर यूं ही चिकित्सकों को निशाना बनाया जाता रहा तो वह प्रैक्टिस करना ही छोड़ देंगे। हम अपने बच्चों तक को भी चिकित्सक नहीं बनाएंगे। एक चिकित्सक को फंसाने के लिए पूरी ताकत लगा दी गई तथा बिना मुकदमा दर्ज किए उनको गिरफ्तार करने तक की कोशिश की गई।

-डा. सीमा मित्तल, प्रधान

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