सामाजिक कुरीतियों से लड़ने को शोभा रानी कर रहीं प्रेरित

नवरात्र पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा हो रही है। इनमें स्कंदमाता की ज्ञान ध्यान और स्वरूप के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है। समाज में आज भी बहुत सी मातृशक्ति हैं जो इसी प्रकार की शिक्षा संस्कार और स्वरूप को बढ़ावा देते हुए दूसरों को प्रेरित कर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 04:24 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 04:24 PM (IST)
सामाजिक कुरीतियों से लड़ने को शोभा रानी कर रहीं प्रेरित
सामाजिक कुरीतियों से लड़ने को शोभा रानी कर रहीं प्रेरित

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: नवरात्र पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा हो रही है। इनमें स्कंदमाता की ज्ञान, ध्यान और स्वरूप के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है। समाज में आज भी बहुत सी मातृशक्ति हैं जो इसी प्रकार की शिक्षा, संस्कार और स्वरूप को बढ़ावा देते हुए दूसरों को प्रेरित कर रही हैं। राज्य शिक्षक पुरस्कार विजेता मुख्य अध्यापिका शोभा रानी भारद्वाज बेटियों को आत्मरक्षा के साथ सामाजिक कुरीतियों से लड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। राजकीय उच्च विद्यालय आसलवास में बतौर मुख्य अध्यापिका कार्यरत शोभा रानी भारद्वाज विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं को अक्षर ज्ञान देने के साथ बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनका कहना है कि बेटियों में दृढ़ता के साथ सहनशीलता की भी पराकाष्ठा होती है। उनका अधिकांश समय ग्रामीण के राजकीय विद्यालयों में आने वाले छात्र-छात्राओं के बीच बीतता है। उन्होंने बेटों के साथ बेटियों पर अक्षरज्ञान के साथ संस्कार और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। उनके मार्गदर्शन ने विभिन्न गांवों की बेटियों ने पढ़ाई, खेल और रचनात्मक गतिविधियों में जिला और राज्यस्तर पर अलग पहचान बनाई हैं। डोहकी गांव की एकता देशवाल, बगथला की आचुकी यादव ने भाषण और मोनिका कुश्ती प्रतियोगिता में राज्यस्तर पर विजेता रहीं। इसके अलावा दर्जनों बेटियों ने खेल और रचनात्मक गतिविधियों में आत्मविश्वास बढ़ाते हुए जिला और राज्यस्तर पर अलग पहचान बनाई हैं। मुख्य अध्यापिका शोभा रानी भारद्वाज स्वयं भी रचनात्मक कार्यक्रम में हिस्सा लेती रही हैं। भाषण प्रतियोगिता की राज्य विजेता रही हैं। वे कहती हैं कि छात्राओं को भी लक्ष्य निर्धारित करके आत्मनिर्भर बनने की सलाह देने के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जागरूक करती हैं। आज की बेटी माता पिता पर बोझ नहीं बल्कि अभिमान और सम्मान हैं। इसी संदेश को बेटियों में व्यवहारिक रूप देने के लिए काम कर रही हैं।

कई उपलब्धियां हैं उनके नाम: राज्य शिक्षक पुरस्कार के अलावा भी उनके नाम कई उपलब्धियां हैं। पिछले माह प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट द्वारा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव द्वारा राज्यस्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया। इसमें बालिका शिक्षा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। गुर्जर समाज की ओर से विद्यालयों में नामांकन वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण में सक्रियता के लिए सम्मानित किया गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हुसैनपुर में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में उपमंडल अधिकारी होशियार सिंह के हाथों सम्मान प्राप्त किया। इसके अलावा प्रशासन और सामाजिक संगठनों की ओर से विभिन्न संदर्भ पर सम्मान प्राप्त कर उन्हें नई ऊर्जा और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है।

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