श्रद्धालुओं ने की कालरात्रि की पूजा
नवरात्र के सातवें दिन मां भगवती के कालरात्रि रूप की पूजा की गई।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : नवरात्र के सातवें दिन मां भगवती के कालरात्रि रूप की पूजा की गई। मान्यता है कि मां काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं। धार्मिक आस्था रखने वाले विद्वानों का मानना है कि इनकी पूजा करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों में सुबह से श्रद्धालु पहुंचने लगे थे, जिसका सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। आज अष्टमी की होगी कढ़ाई शनिवार को अष्टमी की पूजा होगी। इस दिन कन्याओं को भोजन कराते हुए सुख-समृद्धि व परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की जाती है। मां महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्व कल्याणकारी माना गया है। पं. हेमंत शर्मा का कहना है कि माता के भक्तों को सदैव इनका ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मां गौरी का यह रूप बेहद सरस, सुलभ और मोहक है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।