त्योहार नजदीक आते ही बढ़ी मिठाइयों की सैंपलिग
त्योहार की दस्तक के साथ ही मिठाइयों में मिलावट का खेल भी बढ़ता चला जाता है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: त्योहार की दस्तक के साथ ही मिठाइयों में मिलावट का खेल भी बढ़ता चला जाता है। मावे से लेकर अन्य सामान तक में मिलावट करके मिठाई तैयार की जाती है, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिठाइयों की सैंपलिग शुरू कर दी गई है। बीते तीन-चार दिनों से विभागीय अधिकारी हर रोज मिठाइयों का सैंपल ले रहे हैं।
सेक्टरों की मार्केट में पहुंची टीम: स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सेक्टर तीन, सेक्टर चार व धारूहेड़ा चुंगी के आसपास की मिठाई की दुकानों में पहुंचकर सैंपल लिए गए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक चौधरी व नायब तहसीलदार सौरभ शर्मा के नेतृत्व में टीम ने राजस्थान स्वीट्स, डब्बू स्वीट्स, सिल्वर स्पून, स्टैंडर्ड स्वीट्स आदि दुकानों पर पहुंचकर मिठाई के सैंपल लिए। इससे पूर्व भी कई दुकानों से सैंपल लिए जा चुके हैं। जिलेभर में मिठाइयों के कई गोदाम भी हैं जहां थोक के भाव पर मिठाइयां तैयार होती हैं। टीम द्वारा इन गोदामों में भी जांच पड़ताल की जाएगी।
सैंपल के बाद की कार्रवाई नहीं आती नजर: स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपलिग का अभियान हर साल चलाया जाता है, लेकिन इस बात की कोई जानकारी नहीं दी जाती कि सैंपल लेने के बाद कितने पास हुए और कितने फेल। कितने सैंपल फेल होने पर कार्रवाई की गई इसका भी कोई ब्योरा सामने नहीं रखा जाता। सैंपल लेने के बाद सबकुछ गड़बड़झाले की ही भेंट चढ़ जाता है।
ये है नियम: एफएसएसएआइ ने एक अक्टूबर 2020 से हर मिठाई की थाली के सामने बेस्ट बिफोर यूच्ड लिखना अनिवार्य कर दिया है। इससे उपभोक्ता को यह पता चल सकेगा कि मिठाई कब बनी है, कब तक इसका सेवन किया जा सकता है। मगर छोटे से बड़े दुकानों तक इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।