बिना चर्चा के कृषि कानूनों की वापसी गलत
पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से बिना चर्चा के ही कृषि कानूनों की वापसी के विधेयक को पास करा लिया है यह लोकतंत्र की हत्या है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से बिना चर्चा के ही कृषि कानूनों की वापसी के विधेयक को पास करा लिया है यह लोकतंत्र की हत्या है। पहले तो सरकार ने बिना बहस के कृषि कानूनों को किसानों पर थोप दिया था और अब बिना बहस के ही कानूनों को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि 600 से ज्यादा किसानों की मौत पर, न्यूनतम समर्थन मूल्य गांरटी कानून पर, लखीमपुर में किसानों के कुचलने, निर्दोष किसानों पर मुकदमों आदि को लेकर चर्चा होनी चाहिए थी ताकि सच्चाई पूरे देश के सामने आती, लेकिन सरकार की मंशा कुछ ओर है। संसद में पहले भी कई विधेयक वापस हुए हैं, जिन पर सदन में बहस कराई गई थी। कृषि के कानूनों को भी वापस लिया गया है इस पर विपक्ष यदि चर्चा करना चाहता था तो इसमें सरकार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी।
कैप्टन यादव ने कहा कि किसान जब सड़क पर उतरे तो सरकार ने सड़कों पर कील लगवा दी थी और अब विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है तो सरकार चर्चा ही नहीं करना चाहती, सरकार सच्चाई से भाग रही है, लेकिन जिस तरह से एक साल बाद सरकार को कृषि के कानून वापस लेने पड़े इसी तरह से किसानों की सारी जायज बातें एक दिन माननी पड़ेंगी। इसलिए सरकार को जल्द किसानों से बातचीत करके उनकी मांगों को स्वीकार कर लेना चाहिए। वहीं हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा चयन आयोग द्वारा किए गए भर्ती घोटालों पर कैप्टन यादव ने कहा कि भाजपा सरकार देश के सबसे बड़े नौकरी घोटाले को दबाना चाहती है। आरोपित एचसीएस अनिल नागर, अश्विनी शर्मा और नवीन को केवल औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया हुआ है। जबकि आरोपितों से सख्ताई से पूछताछ करते हुए षडयंत्र में शामिल लोगों पर कार्यवाही करने चाहिए। इस पूर्व भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं।