रामलीला: युद्ध में मारे गए लंका के योद्धा, विभीषण बने राजा

जिले में विभिन्न स्थानों पर रामलीला मंचन के दौरान योद्धाओं के बीच युद्ध हुए। श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में चल रही रामलीला का शुभारंभ उमेश कटारिया ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:34 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:34 PM (IST)
रामलीला: युद्ध में मारे गए लंका के योद्धा, विभीषण बने राजा
रामलीला: युद्ध में मारे गए लंका के योद्धा, विभीषण बने राजा

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिले में विभिन्न स्थानों पर रामलीला मंचन के दौरान योद्धाओं के बीच युद्ध हुए। श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में चल रही रामलीला का शुभारंभ उमेश कटारिया ने किया। मंचन के दौरान लक्ष्मण और मेघनाद के बीच हुए युद्ध में लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं तो श्रीराम द्वारा विलाप करते हुए देख, हनुमानजी द्वारा विभीषण की सलाह पर लंका से सुषैण वैद्य को लाने, संजीवनी बूटी लाने, लक्ष्मण के ठीक होने पर पुन: मेघनाथ से युद्ध करने, मेघनाद के मारे जाने, फिर कुंभकरण व अहिरावण के वध के बाद रावण द्वारा स्वयं रण क्षेत्र में उतरने आदि कई दृश्यों का मंचन किया गया। अंत में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण सहित वापस अयोध्या लौट आते हैं। रामलीला के मुख्य संरक्षक अशोक शर्मा, निर्देशक राजेश पंवार ने बताया कि ललित ने राम, लवली ने सीता, हिमांशु ने लक्ष्मण, पवन ने हनुमान, रुपेश ने अंगद, विजय ने रावण, सुनील ने मेघनाथ, सुरेश ने अहिरावण, विकास ने कुंभकरण, कर्ण ने विभीषण का किरदार निभाया। इस मौके पर उप प्रधान श्याम गुप्ता, महेश पटवारी, श्रीपति शेखावत, रमेश वशिष्ठ, सुभाष गुप्ता, मूलचंद, भारत, मनीष, मन मयूर, कुशाग्र, कुणाल, हर्ष, साहिल, संजय, नवीन आदि मौजूद रहे। बुराई पर अच्छाई जीत के साथ हुआ रावण वध:

नई अनाजमंडी में श्री शिव रामलीला समिति की ओर से चल रही रामलीला मंचन का विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने शुभारंभ किया। समिति के महासचिव दीपक मंगला ने बताया कि रामलीला मंचन में कुंभकर्ण निद्रा, राम-कुंभकर्ण युद्ध, मेघनाद-लक्ष्मण युद्ध, अहीरावण द्वारा राम-लक्ष्मण हरण, रावण वध जैसे मनमोहक दृश्य दिखाए गए। कार्यक्रम का मंच संचालन पार्षद एडवोकेट भूपेंद्र गुप्ता द्वारा किया गया तथा मीडिया और प्राउंटिग का कार्य एडवोकेट नितेश अग्रवाल ने किया। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि प्रभु की सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाती। रामलीला में राम का किरदार आशीष शर्मा, लक्ष्मण का नवीन लखेरा, सीता का प्रदीप शर्मा, रावण का संजीव वशिष्ठ, मंदोदरी का राजेश सैनी, सुग्री का दुष्यंत मुदगिल, हनुमान का विपिन अग्रवाल, अंगद का नितिन, जामवंत का राजेश वर्मा, विभीषण का बीडी अग्रवाल, मेघनाद का डा. श्याम बिहारी, कुंभकर्ण का गिरिश सिघला, मंत्री का अनिल, मनीष, राजेश भैया, राजेश सैनी, द्वारपाल उज्जवल, नरेश वशिष्ठ, राक्षस सेना में प. किशनचंद्र वशिष्ठ, बबलू, निक्कू की मुख्य भूमिका रही। इसमें संस्था के प्रधान अजय मितल, मुख्य संरक्षण नरेश मितल, उपप्रधान राजेश अग्रवाल, हरकेश यादव, राकेश कुमार, स्टेज इंचार्ज अनिल अग्रवाल, कांता अग्रवाल, निकिता अग्रवाल, अलका माकोल, मनोज यादव, गिरिश सिघला, डा. आत्मप्रकाश, प्रभा बरेजा की विशेष उपस्थिति रही। अयोध्या में हुआ श्रीराम का राजतिलक:

रेलवे कालोनी में श्रीराम मंदिर रेलवे ड्रामेटिक क्लब की ओर से केके सक्सेना के निर्देशन में चल रही रामलीला में राम-रावण युद्ध, भगवान श्रीराम का राजतिलक आदि प्रसंगों का मंचन किया गया। मंचन में राम की भूमिका ब्रिजेश शर्मा, लक्ष्मण-मोहित यादव, सीता- ब्रिजेश, रावण-मुकेश भारद्वाज, मेघनाद-अनुज शर्मा, कुंभकरण केके सक्सेना, सुग्रीव - निरिवल रोहिल्या, जामवंत-नीटु गुप्ता, सुलोचना-सागर, हनुमान-उमेश शर्मा, अंगद-मधुर भारद्वाज, विभिषण-राजेश शर्मा, नल-हर्ष नील-प्रिस, अही रावण-सतीश, रावण का मंत्री -रोहित, मकरघ्वज-दिवेश शर्मा, राजा-जितेश, रवि, संजय सौनी, महेश आदि ने निभाए। रामलीला में दिया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश:

गांव खोरी में श्री रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला में भगवान श्रीराम के राजतिलक के साथ समापन किया गया। कमेटी के संयोजक चतुर्भुज शर्मा ने बताया कि रामलीला के समापन पर कमेटी सदस्यों की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया गया।

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