रामलीला मंचन: सुग्रीव से हुई श्रीराम और लक्ष्मण की मुलाकात

जिले में रामलीला मंचन अब अंतिम चरण में है। श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला के मंच पर हनुमानजी ने श्रीराम और लक्ष्मण को किष्किंधा पर्वत पर घूमते हुए देखा तो भेष बदल कर परिचय करने पहुंचे और सुग्रीव से मुलाकात कराई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 06:31 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 06:31 PM (IST)
रामलीला मंचन: सुग्रीव से हुई श्रीराम और लक्ष्मण की मुलाकात
रामलीला मंचन: सुग्रीव से हुई श्रीराम और लक्ष्मण की मुलाकात

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: जिले में रामलीला मंचन अब अंतिम चरण में है। श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला के मंच पर हनुमानजी ने श्रीराम और लक्ष्मण को किष्किंधा पर्वत पर घूमते हुए देखा तो भेष बदल कर परिचय करने पहुंचे और सुग्रीव से मुलाकात कराई। सुग्रीव ने दल बल सहित सीता को ढूंढने में मदद करने की शपथ ली। मंचन में श्रीराम द्वारा बाली वध करने से लेकर हनुमान जी द्वारा सीता की खोज में लंका प्रस्थान करने, विभीषण से मिलने, अशोक वाटिका उजाड़ने, अक्षय कुमार को मारने, मेघनाद द्वारा ब्रह्मास्त्र में बांधकर रावण के दरबार में पेश करने, रावण द्वारा हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने, लंका दहन करने और सीता जी से चूड़ामणि लेकर किष्किंधा पर्वत लौटने तक का मंचन किया। लीला के सचिव यादके सुगंध ने बताया कि लीला का शुभारंभ करते हुए पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि वे पिछले 35 साल से इस लीला में आ रहे हैं। हमें श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। हर तरह के सुख दुख में एक दूसरे का साथ देने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

हनुमान ने लगाई लंका में आग, राक्षसों ने भाग कर जान बचाई: श्री शिव रामलीला समिति द्वारा नई अनाजमंडी में चल रहे रामलीला के आठवें दिन हनुमान द्वारा अशोक वाटिका के उजड़ने का भव्य दृश्य दिखाया गया। इस दौरान दर्शकों को प्रसाद वितरित किया गया। श्री शिव रामलीला समिति के महासचिव दीपक मंगला ने बताया कि रामलीला में सुग्रीव द्वारा सेना बनाकर मां सीता का पता लगाने के लिए भेजना, हनुमान जी का लंका पहुंचना, हनुमान-विभीषण संवाद, सीता-हनुमान संवाद, अशोक वाटिका का उजाड़ना, अक्षय कुमार का वध, विभीषण का राम दल में शामिल होने के दृश्य प्रस्तुत किए गए। पार्षद भूपेंद्र गुप्ता के संचालन में लीला का शुभारंभ अग्रवाल वैश्य समाज के प्रधान ब्रजलाल गोयल ने रिबन काटकर किया। इस दौरान रामलीला में दर्शकों को धूमपान न करने और तंबाकू या किसी भी नशे का सेवन न करने की भी शपथ दिलाई गई।

अंगद ने रावण दरबार में पैर जमाया: रेलवे कालोनी में श्रीराम मंदिर रेलवे ड्रामेटिक क्लब की ओर से चल रहे रामलीला का पं. मोहन लाल शर्मा के मंत्रोच्चारण और पूजन के बाद श्याम लाल और राम नारायण वाल्मीकि ने संयुक्त रूप से रामलीला का उद्घाटन किया। मंचन के दौरान रावण विभीषण को लंका से निकालता है। इस पर वह प्रभु राम के पास पहुंचता है जहां वे उन्हें लंका का राजा घोषित कर देते हैं। रामा दल नल नील की सहायता से समुद्र पर पुल का निर्माण करते हैं। इस दौरान अंगद को दूत के रूप में रावण दरबार जाते हैं। अंगद अपनी शक्ति प्रर्दशन करता और पृथ्वी पर पैर जमाकर उठाने की चेतावनी देता है। अंत में अंगद युद्ध का ऐलान कर के आते हैं। मेद्यनाद से युद्ध में लक्ष्मण मूर्छित होते हैं। हनुमान जी आकाश मार्ग से लंका में पहुंचते हैं।

सुग्रीव मित्रता, बाली वध: गांव लिसान में जय बजरंग क्लब रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में हनुमान झांकी, सुग्रीव मित्रता और बाली वध का मंचन हुआ। संचालक सतबीर यादव ने बताया कि अग्नि को साक्षी मानकर भगवान राम और सुग्रीव ने मित्रता की तथा सुग्रीव ने राम को सीता माता को जल्दी ही श्रीराम से मिलने का वचन दिया। वर्षा ऋतु बीत जाने के बाद सुग्रीव की सेना को चारों दिशाओं में सीता की खोज में भेजते हैं। हनुमान, जामवंत, अंगद व नल - नील आदि को समुद्र किनारे जटायु के भाई संपत्ति मिले। कलाकारों ने अपना अभिनय दिया।

अंगद ने रावण को खूब खरी सुनाई: लाला मनीराम बाग में आयोजित रामलीला में हनुमान रावण संवाद, अंगद रावण संवाद और लक्ष्मण मूर्छा का मार्मिक मंचन प्रस्तुत किया गया। अंगद ने रावण को धर्म शास्त्र की परिभाषा समझाते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई। लक्ष्मण मूर्छा के समय लक्ष्मण के मूर्छित होने पर राम रो पड़े। जामवंत द्वारा अपनी शक्ति याद दिलाने पर हनुमान सौ योजना का समुद्र लांघकर लंका में प्रवेश कर जाते हैं और अशोक वाटिका में जाकर माता सीता से मिलते है। रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को भेजता है लेकिन हनुमान उसका वध कर देते हैं। हनुमान पूंछ से लंका का दहन करते हैं। विभीषण द्वारा युद्ध के लिए मना करने और संधि के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहने पर रावण उसे लंका से बाहर निकालता है।

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