जैविक खेती से सुधार रहे हैं आर्थिक स्थिति व आमजन का स्वास्थ्य

किसान अपनी सब्जियों को दुकान लगाकर बेचते हैं जिसके उन्हें अच्छे दाम मिलते हैं। वहीं उत्पादन अधिक होने पर अपनी सब्जियों को रेवाड़ी व भिवाड़ी की मंडियों में लेकर जाते हैं। किसानों को आय को दोगुना करने में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी पूरी तरह से किसानों की मदद में जुटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 05:19 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 05:19 PM (IST)
जैविक खेती से सुधार रहे हैं आर्थिक स्थिति व आमजन का स्वास्थ्य
जैविक खेती से सुधार रहे हैं आर्थिक स्थिति व आमजन का स्वास्थ्य

गोबिद सिंह, रेवाड़ी

एक तीर से दो निशाने यह कहावत जिला के खलियावास गांव के किसानों पर एकदम ठीक बैठती है। खलियावास गांव के किसानों ने जैविक खेती के माध्यम से न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है बल्कि पर्यावरण व आमजन के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं। खेती में रासायनिक खादों व कृमिनाशकों के उपयोग से जहां आमजन का स्वास्थ्य लगातार बुरा प्रभाव पड़ रहा था, वहीं धरा की उर्वरा शक्ति भी दिन-प्रतिदिन कमजोर होती जा रही थी। खलियावास गांव के किसानों ने खेती के तौर-तरीकों में बदलाव करते हुए खेती के मायनों को भी बदल दिया। वर्तमान में खलियावास गांव में करीब 100 एकड़ में किसान गेहूं, सरसों व सब्जियों की जैविक खेती कर रहे हैं। गांव में दिन-प्रतिदिन जैविक खेती का दायरा बढ़ता जा ही रहा है। हर साल पांच से दस नए किसान जैविक खेती करने के लिए तैयार हो रहे हैं। पहले के मुकाबले वर्तमान में किसानों की आमदनी दोगुना से अधिक हो गई है।

25 एकड़ में बागवानी भी कर रहे हैं किसान:

खलियावास गांव में 40 किसान जैविक करीब 100 एकड़ में गेहूं , सरसों व सब्जियों जैसे टमाटर, मटर, धनिया, मिर्च, पालक आदि की खेती कर रहे हैं। इसके साथ-साथ 25 एकड़ में किसान बागवानी भी कर रहे हैं जिसमें अमरूद, किन्नू, बेर लगाए हुए हैं। वहीं किसानों ने अभी से ही गर्मियों की सब्जियों जैसे टमाटर, घीया, खीरा, तरबूज, खरबूजा, सीताफल, ककड़ी आदि की फसलें लगा दी हैं। किसानों के गेहूं की बिक्री 3 से चार हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गांव से ही हो जाती है। वहीं किसान अपनी सब्जियों को दुकान लगाकर बेचते हैं, जिसके उन्हें अच्छे दाम मिलते हैं। वहीं उत्पादन अधिक होने पर अपनी सब्जियों को रेवाड़ी व भिवाड़ी की मंडियों में लेकर जाते हैं। किसानों को आय को दोगुना करने में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी पूरी तरह से किसानों की मदद में जुटे हुए हैं।

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आइसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) की योजना के तहत किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से गांव खलियावास व खटावली को कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से गोद लिया हुआ है। दोनों गांवों में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक फसलों के बदलाव से लेकर आय बढ़ाने विभिन्न उपायों पर लगातार काम कर रहे हैं। अब तक जो भी कदम उठाए गए हैं उनमें हमें सफलता मिली है।

- डा. अनिल कुमार, विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र रामपुरा

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जब से जैविक खेती को अपनाया है फसलों के अच्छे भाव मिल रहे हैं। गांव में करीब सौ एकड़ में जैविक खेती की जा रही है। वहीं गांव के किसानों को रुझान तेजी के साथ जैविक खेती की तरफ बढ़ रहा है।

- रामनारायण, पूर्व सरपंच खलियावास

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