बैंक खाते में वापस आए ठगी के एक लाख रुपये

साइबर अपराध के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:14 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 05:14 PM (IST)
बैंक खाते में वापस आए ठगी के एक लाख रुपये
बैंक खाते में वापस आए ठगी के एक लाख रुपये

कृष्ण कुमार, रेवाड़ी

साइबर अपराध के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। कड़ी मेहनत के बाद भी साइबर अपराधियों तक पहुंचना पुलिस के लिए आसान नहीं है, लेकिन समय पर शिकायत पुलिस को दी जाए तो ठगी की रकम पीड़ित को वापस मिल सकती है। जिले में हुए ठगी के दो मामलों में साइबर थाना पुलिस ने पीड़ितों की रकम वापस कराई है। बुधवार को दोनों के खाते में ठगी के एक लाख रुपये वापस जमा हुए हैं।

पहला केस: महिला से उपचार के नाम पर ठगे 60 हजार

गढ़ी बोलनी रोड स्थित अमनगनी सोसायटी निवासी प्रोमिला इन दिनों बीमार रहती हैं। प्रोमिला के पास अनजान मोबाइल नंबर से काल आई तथा एक आयुर्वेदिक केंद्र में उपचार के माध्यम से उपचार कराने का झांसा दिया तथा कुल खर्च 60 हजार रुपये बताए। प्रोमिला ने उपचार की उम्मीद के चलते 60 हजार रुपये बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। रुपये ट्रांसफर करने के बाद प्रोमिला को ठगी का पता लगा तथा उन्होंने तुरंत ही साउथ रेंज थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस की जांच में पता लगा कि जिस खाते में जमा कराए गए हैं उससे रकम निकाली जा चुकी है। पुलिस की साइबर टीम ने ठग की तमाम ट्रांजेक्शन खंगालनी शुरू कर दी। लगातार तफ्तीश से पता लगा कि पेटीएम में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। पुलिस ने पेटीएम में ठगी की रकम को रुकवा दिया। बुधवार को ठगी की रकम 60 हजार रुपये वापस प्रोमिला के बैंक खाते में आ गए।

दूसरा केस: 40 हजार रुपये लिए थे ठग

गांव बटौड़ी निवासी कर्मबीर से अनजान व्यक्ति ने दोस्त बन कर बैंक खाते में बीस हजार रुपये भेजने का झांसा देकर वन टाइम पासवर्ड ले लिए थे। शातिर ठग ने दो बार में कर्मबीर के खाते से 40 हजार रुपये वापस निकाल लिए थे। कर्मबीर ने ठगी की शिकायत साइबर थाना पुलिस को दी थी। साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की तो पता लगा कि मोवीविक के जरिये कर्मबीर के खाते से रुपये निकाले गए हैं। पुलिस ने तुरंत ही ट्रांसफर हुई रकम को रुकवा दिया। बुधवार को कर्मबीर के खाते में भी ठगी के 40 हजार रुपये वापस जमा हुए हैं।

ठगी की सूचना समय पर साइबर थाना में दी जाए तो बैंक खाते से निकाली गई रकम के वापस आने की संभावना रहती है। दोनों पीड़ितों से ठगी गई रकम वापस आ गई है। इस वर्ष करीब 25 लाख 50 हजार रुपये साइबर थाना पुलिस लोगों को वापस दिला चुकी है। ठगी के बचने के लिए किसी अनजान व्यक्ति को बैंक खाते और ओटीपी आदि की जानकारी न दें। बार कोड हमेशा खाते से रुपये ट्रांसफर करने के लिए स्कैन होता है, न कि खाते में मंगाने के लिए।

-ऋषिराज, एसएचओ, साइबर थाना साउथ रेंज रेवाड़ी।

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