्रमेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर पंजीकरण 25 तक

हरियाणा राज्य के गिरते भूजल को बचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस वर्ष भी फसल विविधिकरण योजना मेरा पानी मेरी विरासत को लागू रखने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:19 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:19 PM (IST)
्रमेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर पंजीकरण 25 तक
्रमेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर पंजीकरण 25 तक

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : हरियाणा राज्य के गिरते भूजल को बचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस वर्ष भी फसल विविधिकरण योजना मेरा पानी मेरी विरासत को लागू रखने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। योजना गत वर्ष लागू की गई थी तथा लगभग एक लाख एकड़ धान की फसल का वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण किया गया था। इस वर्ष फसल विविधिकरण के अंतर्गत दो लाख एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है।

उपायुक्त यशेंद्र सिंह ने बताया कि यह योजना पूरे राज्य में लागू होगी तथा इसके तहत किसानों को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों (कपास, मक्का, दलहन, मूंगफली, तिल, ग्वार, अरंड, सब्जियां व फल) की बिजाई करनी होगी, जिसके फलस्वरूप प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दो किश्तों में दी जाएगी।

इस योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण किया था तथा चालू खरीफ सीजन में भी वो उस क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत जो किसान पिछले वर्ष धान बिजित क्षेत्र में चारे की फसल लेते हैं व अपने खेत को खाली रखते हैं, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत सभी वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। इस फसल विविधिकरण योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी विभाग द्वारा करवाया जाएगा जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि से की जाएगी।

कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की आधुनिक तकनीक से बिजाई करने व अच्छी पैदावार लेने हेतु प्रदर्शन प्लाट भी आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर 25 जून तक पंजीकरण करना होगा। जिले में गत वर्ष के 447 किसान हैं, जिन्होंने धान की फसल छोड़कर अन्य फसल की बिजाई की गई थी। इस वर्ष विभाग की तरफ से जिले में लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें मक्का के लिए 10 एकड़, कपास के लिए 250, खरीफ दलहन, अरहर, मूंग, उड़द, मोठ, सोयाबीन व ग्वार के लिए 10, खरीफ फसल मूंगफली व तिल के लिए 100, चारा व खाली जमीन के लिए दो हजार एकड़ क्षेत्र निर्धारित किया गया हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए संबंधित कृषि अधिकार, खंड कृषि अधिकारी अथवा उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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