छोटे कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेना हो सकता है खतरनाक
अनलाक होने के बाद से हम कुछ ज्यादा ही लापरवाह हो गए हैं। जिसके चलते संक्रमण भ्भी बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अनलाक होने के बाद से हम कुछ ज्यादा ही लापरवाह हो गए हैं। लापरवाही की हद ही तो है, जो अब कोरोना संक्रमण के मामले सात हजार के पार हो चुके हैं। इतना ही नहीं मरने वालों की संख्या भी 34 हो गई है। इसका एक बड़ा कारण यह सामने आ रहा है कि हम खुलकर न सिर्फ कार्यक्रमों का आयोजन करने लगे हैं बल्कि उनमें शामिल भी हो रहे हैं। इस दौरान न मुंह पर मास्क होता है और न ही शारीरिक दूरी का पालन। बस यहीं से कोरोना संक्रमण के मामले फिर तेजी पकड़ने लगे हैं। खूब होने लगी हैं पार्टियां और भंडारे जैसे-जैसे लाकडाउन की बेड़ियां खुलती गई, वैसे-वैसे लोग भी बेपरवाह होते चले गए। अनलाक के विभिन्न चरणों में थोड़ी-थोड़ी छूट दी गई लेकिन लोगों ने इन छूट को ही पूरी आजादी मान लिया। अब लोग पहले की तरह ही पार्टियां कर रहे हैं और भंडारों में पहुंच रहे हैं। कोई सगाई समारोह कर रहा है तो कोई जन्मदिन की पार्टी दे रहा है। इतना ही नहीं धार्मिक स्थलों पर भी भारी भीड़ एकत्रित होने लगी है। कहीं, हवन चल रहे हैं तो कहीं भंडारा हो रहा है। तर्क यह दिया जा रहा है कि थोड़े-थोड़े लोगों को ही बुलाया जा रहा है। चिकित्सकों का मानना है कि यही छोटे-छोटे कार्यक्रम कोरोना संक्रमण को फैलाने का बड़ा कारण बन गए हैं। 50 से 100 लोग भी एक जगह पर एकत्रित हो रहे हैं और उनमें से 2 से 3 कोरोना संक्रमित है तो कोविड का फैलाव होना निश्चित है।
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जरा यूं समझिए बिगड़ती स्थिति को
अगस्त से लोग कुछ ज्यादा ही खुले घूम रहे हैं। अगस्त में 1,785 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। अगले माह स्थिति और भी खराब हो गई। सितंबर में 2,094 मरीज कोरोना संक्रमित मिले। इस माह भी स्थिति कोई ज्यादा बेहतर नहीं है। सैंपलिग कम हो रही है, इसके बावजूद हर रोज 61 मरीज मिल रहे हैं। 22 अक्टूबर तक 1350 संक्रमित मिले चुके हैं।
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लोगों को स्थिति समझनी होगी। कोरोना अभी गया नहीं है बल्कि तेजी से फैल रहा है। पहले हर संक्रमित व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग की नजर में होता था लेकिन अब निगरानी कम हो रही है जिससे लोग खुले घूमने लगे हैं। कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं और इनमें हिस्सा भी ले रहे हैं। यही छोटे-छोटे कार्यक्रम कोरोना फैलाने का बड़ा कारण बन रहे हैं। लोगों को सावधान होने की जरूरत है।
-डा. रिजुल सैनी, नागरिक अस्पताल
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हम तो लोगों को लगातार यही बात समझा रहे हैं कि शारीरिक दूरी बनाकर रखें और किसी भी तरह के कार्यक्रम का फिलहाल न तो आयोजन करें और न ही उनमें हिस्सा लें। तमाम तरह से जागरूक करने के बावजूद भी लोग कार्यक्रमों में भीड़ एकत्रित कर रहे हैं। ऐसे कार्यक्रमों में मौजूद एक भी संक्रमित कई लोगों को प्रभावित कर सकता है। अभी कोरोना से लड़ने की जरूरत है लापरवाही बरतने की नहीं।
-डा. विजयप्रकाश, पूर्व कोरोना नोडल अधिकारी