पुल के नीचे भरा है तबाही का सामान
फरीदाबाद के नीलम-अजरोंदा रेलवे ओवरब्रिज के नीचे बृहस्पतिवार को हुई आगजनी से रेवाड़ी कोई सबक नहीं ले रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : फरीदाबाद के नीलम-अजरोंदा रेलवे ओवरब्रिज के नीचे बृहस्पतिवार को आगजनी हुई। इससे ओवरब्रिज बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। फरीदाबाद जैसी घटना रेवाड़ी में भी घट जाए तो कोई अचंभे वाली बात नहीं है। शहर के नाईवाली ओवरब्रिज के नीचे भी हालात कुछ ऐसे ही बने हुए हैं। यहां आसपास काम करने वाले दुकानदारों ने पुल के नीचे अपने गोदाम बना दिए हैं, जो कभी भी भीषण अग्निकांड को अंजाम दे सकते हैं।
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आग लगेगी तो बुझाना होगा मुश्किल नाईवाली ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ बहुत सी दुकानें हैं। इन दुकानों में कबाड़ का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मोटरसाइकिल के मिस्त्री भी हैं, जिससे पेट्रोल भी पर्याप्त मात्रा में रहता है। आसपास काम करने वाले इन कबाड़ियों ने पुल के नीचे ही अपने गोदाम बना दिए हैं तथा माल भरा हुआ है। पुल के नीचे भरा हुआ कबाड़ कभी भी भीषण आगजनी का कारण बन सकता है। यहां सैकड़ों टन माल भरा है, जिसमें अगर आग लग गई तो उसे बुझाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। आसपास बड़ी तादाद में वाहन भी खड़े रहते हैं और पेट्रोल की भी उपलब्धता है। ऐसे में आगजनी भीषण होगी और बचाव करना मुश्किल हो जाएगा। पुल के दोनों ओर सर्विस रोड भी इतनी सक्रिय है कि दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में भी खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। ऐसे में जरा सी लापरवाही यहां आसपास रह रहे लोगों के लिए घातक हो सकती है।
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पहले हो चुकी है आगजनी नाईवाली पुल के नीचे आगजनी की घटना पहले हो चुकी है। करीब चार साल पूर्व यहां जमा कबाड़े में भीषण आग लग गई थी। इसके कारण पुल को नुकसान भी पहुंचा था लेकिन न उस समय कोई कार्रवाई हुई और न ही अब कुछ किया जा रहा है। नगर परिषद के अधिकारियों को पुल के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से खाली कराना चाहिए ताकि फरीदाबाद जैसा हादसा यहां पर न हो।
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पलायन कर रहे हैं लोग यहां कबाड़ का काम करने वाले लोगों की दबंगई इस कदर है कि उन्होंने पुल के नीचे का रास्ता भी रोका हुआ है। इसके चलते यहां आसपास के कई दुकानदार पलायन भी कर गए हैं तथा उन्हें अपने दफ्तर भी दूसरी जगहों पर खोलने पड़े हैं।
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नाईवाली पुल के नीचे कबाड़ा भरा हुआ है तो उसको हटवाया जाएगा। इस बाबत कर्मचारियों को भेजकर जांच कराई जाएगी।
-अभय सिंह यादव, कार्यकारी अधिकारी, नप