रेलवे ने दी जिम्मेदारी, संगठन ने बखूबी संभाली
नठेड़ा रोड स्थित रेलवे की जमीन पर पार्क विकसित करने में जुटी समाजसेवियों की टीमअभी तक लगाए 250 से अधिक पौधे बदली तस्वीर को देखकर हर कोई हैरान।
संवाद सहयोगी, कोसली: मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है। हौसला हो तो बड़ी से बड़ी चुनौती से पार पाया जा सकता है। ऐसी ही एक चुनौती करीब डेढ़ माह पूर्व रेलवे ने कोसली के समाजसेवियों के सामने रखी थी। इन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उस चुनौती को न सिर्फ स्वीकार किया बल्कि वो कर दिखाया जो इतने सालों में रेलवे भी नहीं कर पाई। जिस जगह से गुजरते समय भी लोग नाक बंद कर लेते थे, जहां खड़े रहना भी दुश्वार होता था वहां अब शानदार पार्क विकसित हो रहा है
स्वदेशी योद्धा संगठन व पार्क निर्माण समिति के सहयोग से करीब 3 एकड़ भूमि पर 250 से अधिक पौधे व घास लगाई जा चुकी है तथा बदला हुआ नजारा देखकर हर कोई हैरान है।
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रेलवे के समक्ष रखा था प्रस्ताव, हुआ स्वीकार
पार्क के लिए रेलवे की यात्री सुविधा समिति के सदस्य वीर कुमार यादव व स्वदेशी योद्धा संगठन के प्रधान अजय भारतीय ने विशेष प्रयास किए। नठेड़ा रोड स्थित रेलवे की इस भूमि पर गंदगी का आलम रहता था। अगस्त 2019 में रेलवे स्टेशन के दौरे पर आए बीकानेर मंडल के डीआरएम तथा जनवरी 2020 में उत्तर-पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक से स्थानीय लोगों ने खाली पड़ी इस भूमि पर पार्क विकसित करने अथवा संगठन को इस पर पार्क विकसित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। स्वदेशी योद्धा संगठन ने इस भूमि पर पार्क विकसित करने की योजना की रूपरेखा रेलवे के उच्च अधिकारियों को भिजवाई थी। कई माह चले पत्राचार व प्रक्रिया के बाद अंतत: रेलवे ने जुलाई 2020 के अंतिम सप्ताह में संगठन को योजना अनुसार इस भूमि पर पार्क विकसित करने की अनुमति दे दी। 22 जुलाई को पीएसी के सदस्य वीर कुमार यादव ने अनुमति संबंधी पत्र संगठन को सौंप दिया, जिसके बाद संगठन ने स्थानीय लोगों ओमप्रकाश यादव, सुरेश अरोड़ा, रामकरण मलिक, कृष्ण सरोला, महेंद्र शर्मा, पंकज गुप्ता को साथ लेकर पार्क निर्माण समिति का गठन किया तथा अगले ही दिन इस भूमि पर पार्क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया।
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कंटीली झाड़ियों की जगह नजर आने लगे पौधे
कार्य प्रारंभ होने के एक माह के भीतर करीब तीन एकड़ भूमि का समतलीकरण किया जा चुका है। जगह-जगह भूमि की टूटी चार दीवारी के पुनर्निर्माण, दो मुख्य प्रवेश द्वारों के अतिरिक्त तीन छोटे प्रवेश मार्गों का निर्माण व दो बोरिग कराकर सबमर्सिबल लगवाए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ पार्क में नीम, बड़ और पीपल, गुड़हल, सरस, फाईकस, पांडा, बोटल पाम, फिश पाम, अशोका, मोरपंखी, बांस, पिलखन, कनेर, सांगवान, बहेड़ा, सिल्वर रॉक, शीशम व चमेली के लगभग 250 पौधों के साथ-साथ घास भी लगाई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त औषधीय पौधे अर्जुन, अश्वगंधा, गिलोय व पुत्र जीवक भी लगाए गए हैं।
बनता जा रहा है कारवां
पार्क निर्माण समिति के प्रधान ओमप्रकाश यादव ने बताया कि पार्क के विकास के लिए स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह यादव, विजय पूनिया, संजय, डॉ. सुरेंद्र सिद्धार्थ, सुरेंद्र गोयल, ब्लॉक समिति सदस्य हेम सिंह, चेयरमैन कपिल यादव, भूपेंद्र यादव भाकली, तेजपाल गर्ग, प्रमोद गर्ग, जगदेव एडवोकेट, बसंत लोहिया, राजबाला आदि ने अपने-अपने स्तर पर योगदान दिया। स्थानीय युवा अजय कोसली, गिरीश, सोनू, रवि, दीपक, दिनेश, रजत, रिकू, राकेश, हैप्पी, कपूर, गूगन, राजकुमार, मनोज, हितेंद्र ,मोनू लगातार पार्क में श्रमदान कर सहयोग कर रहे हैं। समिति की आगामी योजना पार्क को सोलर लाईट से जगमगाने व यहां बने तालाब में फव्वारा लगवाने की भी है।