सालों साल बीत गए लेकिन यहां नहीं बदले हालात
सालों साल बीत गए लेकिन यहां बदले नहीं है हालात। हम बात कर रहे हैं शहर के जलनिकासी सिस्टम की।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : सालों साल बीत गए लेकिन यहां बदले नहीं है हालात। हम बात कर रहे हैं शहर के उन इलाकों की जहां सालों साल से बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति पैदा होती है लेकिन समाधान आजतक भी नहीं निकल पाया है। मानसून पूर्व की बारिश शुरू हो चुकी है तथा शीघ्र ही झमाझम बरसात का मौसम भी शुरू होगा लेकिन हालात इस बार भी कुछ सुधरते हुए नजर नहीं आए हैं। बीते दिनों हुई बारिश में ही शहर के हालात सामने आ गए, जब दूसरे दिन तक भी कई जगहों पर पानी भरा ही रहा। जलभराव वाले इन स्थानों पर सुधार के लिए कभी गंभीरता से प्रयास ही नहीं हुए।
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नागरिक अस्पताल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र नागरिक अस्पताल जलभराव की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहा है। बारिश होते ही अस्पताल की चारदीवारी के भीतर व बाहर दोनों ओर हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि मरीज व उनके तिमारदारों के लिए इधर से उधर जाना तक मुश्किल हो जाता है। दो-दो दिन तक यहां पानी भरा रहता है। पांच दिन पूर्व जब बारिश हुई तो अस्पताल के बाहर दो दिन तक पानी जमा रहा। यहां वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम पर भी लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है।
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जिमखाना क्लब के सामने शहर के पॉश सेक्टर चार में जिमखाना क्लब के सामने भी बारिश होते ही पानी जमा हो जाता है। पॉश सेक्टर में ड्रेनेज लाइन पूरी तरह से गायब है। पहले एचएसवीपी के आधीन जब सेक्टर था तब भी हालात ऐसे ही थे और अब नप के आधीन आने के बाद भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। लाइन बंद होने से ड्रेनेज सिस्टम भी ठप पड़ा हुआ है। जलभराव के कारण सड़क भी जर्जर हो चुकी है।
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भाड़ावास गेट पुराने शहर में भाड़ावास गेट से बाजार की तरफ जाने वाला मार्ग बारिश होते ही पूरी तरह झील बन जाता है। यहां भी जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए आजतक कोई ठोस कार्ययोजना तैयार नहीं हो पाई है, जिसके चलते लोगों को सालोंसाल से परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
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मॉडल टाउन शहर का पॉश एरिया मॉडल टाउन की सड़कें बारिश होते ही तालाब बन जाती है। मॉडल टाउन में हिदू हाई स्कूल के सामने वाली सड़क हो या फिर शिव चौक के निकट वाला मार्ग हर जगह बस पानी ही पानी नजर आता है। इसके अतिरिक्त गांधी चौक से पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के आवास के निकट तक हालात ऐसे ही रहते हैं। यहां पैदल तो दूर वाहनों पर से भी निकलना मुश्किल हो जाता है।
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नया बाजार शहर के नये बाजार के हालात किसी से भी छिपे नहीं है। बस स्टैंड के निकट स्थित इस बाजार में बारिश होते ही इतना पानी भरता है कि दुकानों तक में घुस जाता है। यहां कुछ समय पूर्व अलग से पानी निकासी की लाइन भी डाली गई थी लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। आज भी हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं। साथ लगते अपना बाजार में भी हालात कोई अलग नहीं होते।
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ओल्ड हाउसिग बोर्ड शहर का पुराना हाउसिग बोर्ड भी जलभराव का मुख्य केंद्र है। यहां इतना पानी भरता है कि लोगों का अपने घरों तक में रहना मुश्किल हो जाता है। जिला सचिवालय के निकट स्थित इस रिहायशी इलाके की समस्या का समाधान आजतक नहीं हो पाया है।
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बारिश के दिनों में जहां कहीं पर भी जलभराव होता है हम उन प्रत्येक स्थानों को चिन्हि्त कर रहे हैं। जहां पर पानी भरा रहता है। बारिश से पूर्व सभी नालों व ड्रेनेज सिस्टम की सफाई कराई जा रही है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
-यशेंद्र सिंह, उपायुक्त