अभी भरे नहीं हैं ओलों की मार के जख्म
पांच दिन पूर्व हुई ओलावृष्टि के बाद मौसम सामान्य हो गया है मगर किसानो के दुख कम नहीं हुए हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : पांच दिन पूर्व हुई ओलावृष्टि के बाद मौसम सामान्य हो गया है, मगर किसान मुरारीलाल को मिले ओलों की मार के जख्म अभी भरे नहीं हैं। फसलों के विविधिकरण से आमदनी बढ़ाने के लिए मुरारीलाल ने इस बार सात एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी, जिसमें समर मूंग, फूल व सब्जियां उगाई थी, मगर ओलावृष्टि ने कमाई का सपना तोड़ दिया है।
लालपुर निवासी किसान मुरारीलाल का दर्द यह है कि अब तक प्रशासन से लेकर बागवानी विभाग के किसी अधिकारी ने उनकी पीड़ा नहीं सुनी है। इनकी तरह बावल क्षेत्र के कई अन्य सब्जी उत्पादकों को भी भारी नुकसान हुआ है, मगर सब्जी उत्पादकों की सीमित संख्या के कारण कोई इनकी आवाज नहीं उठा रहा है। मुरारीलाल बताते हैं कि अपनी ढाणी से करीब एक किलोमीटर दूर लालपुर गांव की ही राजस्व सीमा में उन्होंने सात एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी। दो एकड़ में समर मूंग, दो एकड़ में घीया, एक एकड़ में बैंगन, एक एकड़ में ककड़ी- फूट व एक एकड़ में टिडा की बिजाई की थी। फसल बिक्री के लिए तैयार हुई तो बेचना शुरू ही किया था कि ओलों से पूरी फसल तहत-नहस हो गई। मुरारी के अनुसार नुकसान लाखों में है। कुछ गांवों में कपास की फसल में भी भारी नुकसान हुआ है। हाल ही में विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने भी सरकार से विशेष गिरदावरी का अनुरोध किया था।
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हमने सब्जियों में हुए नुकसान के बारे में उच्चाधिकारियों को लिख दिया है। संबंधित किसान की शिकायत मिलेगी तो हम उनकी बात को भी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाएंगे। इससे पहले जब ओलावृष्टि हुई थी तब भी हमने संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी थी। किसान बागवानी विभाग के कार्यालय में आकर अपनी समस्या बता सकते हैं।
-डा. प्रेम कुमार, जिला बागवानी कार्यालय