बैंक कैशियर को पहले बताया नेगेटिव, 16 दिन बाद आई रिपोर्ट में मिले पाजिटिव
कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग किस कदर लापरवाही बरत सकता है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। 16 दिन पहले सैंपल देने वाले बैंक कैशियर को स्वास्थ्य विभाग ने पहले नेगेटिव बताया तथा रिपोर्ट भी लिखकर दे दी। वहीं बृहस्पतिवार को कैशियर के पास फोन आया कि वह कोरोना संक्रमित है।
अमित सैनी, रेवाड़ी
कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग किस कदर लापरवाही बरत सकता है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। 16 दिन पहले सैंपल देने वाले बैंक कैशियर को स्वास्थ्य विभाग ने पहले नेगेटिव बताया तथा रिपोर्ट भी लिखकर दे दी। वहीं, बृहस्पतिवार को कैशियर के पास फोन आया कि वह कोरोना संक्रमित है। अहम बात यह है कि बीते 13 दिनों से कैशियर बैंक में ड्यूटी कर रहे हैं तथा हजारों लोगों को नकदी भी दे चुके हैं। संक्रमण किस स्तर तक फैल चुका होगा, इसकी अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता। 9 नवंबर को परिवार के साथ दिया था सैंपल शहर के सेक्टर 18 निवासी एक बैंक कैशियर के ससुर कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद 9 नवंबर को कैशियर ने अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ बस स्टैंड परिसर में आकर कोविड जांच का सैंपल दिया था। उन्हें बताया गया कि दो दिन में उनके मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज आ जाएगा। 12 नवंबर तक भी जब मैसेज नहीं आया तो वह कुतुबपुर स्थित पीएचसी में अपनी रिपोर्ट लेने के लिए पहुंचे। वहां मौजूद चिकित्सक ने उन्हें बताया कि संक्रमितों में उनका नाम नहीं है, इसलिए वह नेगेटिव हैं। चिकित्सक ने अस्पताल के कार्ड पर उनकी नेगेटिव रिपोर्ट भी बनाकर दे दी। नेगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद बैंक कैशियर ने ड्यूटी पर जाना शुरू कर दिया। बृहस्पतिवार को फोन आया तो हुए हैरान बैंककर्मी बीते 13 दिनों से ड्यूटी जा रहे थे कि बृहस्पतिवार को सुबह उनके पास आयुष विभाग के पास से फोन आया। फोन पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने उनको कहा कि क्या वह दवा ले रहे हैं? इस पर उन्होंने पूछा कि किस चीज की दवा? स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने उन्हें बताया कि वह कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, इसलिए उन्हें दवा लेनी होगी। यह बात सुनते ही बैंककर्मी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। वह पीएचसी में रिपोर्ट लेने पहुंचे तो बताया गया कि उनकी रिपोर्ट आज ही आई है तथा वह खुद तथा उनकी पत्नी कोविड संक्रमित पाए गए हैं, जबकि उनके दोनों बच्चे नेगेटिव हैं। बैंककर्मी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण कई और लोग संक्रमित हो सकते हैं। उन्होंने हजारों लोगों को हाल ही में वृद्धावस्था पेंशन बांटी है। उन्होंने अपील की है कि जो लोग इस दौरान उनके संपर्क में आए हैं, वह अपनी जांच अवश्य करा लें।