हरियाणा का सामाजिक-राजनीतिक मिजाज भांपने रेवाड़ी आएंगे सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले
होसबले प्रदेश में सामाजिक समरसता की नींव मजबूत करने संघ के सेवा प्रकल्पों को गति देने और संघ के कुनबे का विस्तार करने जैसे अहम मुद्दों पर संगठन की नीति-रणनीति तय करेंगे। मंथन के दौरान संघ भविष्य के हरियाणा का रोडमैप तैयार करेगा।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की हरियाणा इकाई के लिए अगस्त का अंतिम सप्ताह अहम रहेगा। आगामी 27 से 29 अगस्त तक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले रेवाड़ी प्रवास पर रहेंगे और उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय एवं हरियाणा के प्रांत व विभाग स्तरीय पदाधिकारियों के साथ अहम सामयिक मुद्दों व प्रदेश के सामाजिक-राजनीतिक मिजाज पर गहन मंथन करेंगे। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच उनका प्रवास अहम है। माना जा रहा है कि होसबले प्रदेश में सामाजिक समरसता की नींव मजबूत करने, संघ के सेवा प्रकल्पों को गति देने और संघ के कुनबे का विस्तार करने जैसे अहम मुद्दों पर संगठन की नीति-रणनीति तय करेंगे। मंथन के दौरान संघ भविष्य के हरियाणा का रोडमैप तैयार करेगा।
संघ के उत्तर क्षेत्र में हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, चंडीगढ़ व जम्मू-कश्मीर के अलावा अब लद्दाख भी शामिल है, मगर विमर्श के केंद्र में हरियाणा ही रहेगा। सामाजिक ताने-बाने पर विचार-विमर्श होगा। जाट-गैर जाट की राजनीति से इतर संघ हरियाणा एक-हरियाणवी एक की सोच को आगे बढ़ाएगा। संघ की परिकल्पना ऐसे समाज की है, जहां जातिवाद व क्षेत्रवाद की बजाय राष्ट्रवाद की चिंता को प्राथमिकता दी जाती हो। संघ बेशक सीधे राजनीति में दखल नहीं देता, मगर राष्ट्रवाद व सुचिता की राजनीति की खुलकर पैरवी करता रहा है।
शाखाओं के विस्तार पर चर्चा
वर्षों बाद संघ के सरकार्यवाह स्तर के पदाधिकारी का रेवाड़ी आगमन हो रहा है। ऐसे में शाखाओं के विस्तार पर भी चर्चा होगी। कोरोना काल में शाखाओं के विस्तार की गति ठहरी सी है। सरकार्यवाह का दौरा पूरे तंत्र को गतिमान करेगा। वर्तमान में हरियाणा में एक हजार स्थानों पर लगभग 1200 शाखाएं हैं। वर्ष 2016-17 में यह संख्या लगभग 600 थी। तब वर्ष 2017-18 में शाखाओं को विस्तार देने का कार्यक्रम बनाया था। एक वर्ष तक चले अभियान से संघ की शाखाएं दोगुना हो गई थी। बैठक में समृद्ध व आत्मनिर्भर भारत बनाने में सक्षम समाज के निर्माण का रोडमैप भी तैयार होगा। गांव स्तर तक शाखाओं के विस्तार पर विमर्श होगा। पुराने कार्यकर्ताओं से राजनीति के मिजाज पर भी चर्चा संभव है। स्वयंसेवकों को अंत्योदय से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोगी बनाने पर भी विचार संभव है। प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश कुमार के अनुसार सरकार्यवाह के प्रवास को देखते हुए जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही है।
सरकार्यवाह की भूमिका
आरएसएस में सर संघचालक के बाद सरकार्यवाह दूसरे सबसे बड़े पदाधिकारी है। संघ के सहयोगी संगठनों से जुड़े नीतिगत फैसलों में इनकी अहम भूमिका रहती है। दत्ता जी के नाम से पहचान रखने वाले होसबले को इसी वर्ष मार्च में सरकार्यवाह की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने भैय्या जी जोशी का स्थान लिया था।