Haryana BJP President OP Dhankar: हर जगह अटकलें, डेयरी फेडरेशन के पूर्व चेयरमैन जीएल शर्मा की कैसे खुली लॉटरी?

Haryana BJP President OP Dhankar ओपी धनखड़ ने जीएल को अपना उपाध्यक्ष बनाया है। रेवाड़ी के राजावास निवासी जीएल कभी राव इंद्रजीत के खास थे। राजनीतिक में जीएल पर मेहरबानी के मायने तलाशे जा रहे हैं। इंतजार कीजिए। जल्द सामने आएगा कि संघ कृपा कहां से हुई?

By Jp YadavEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 08:20 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 08:20 AM (IST)
Haryana BJP President OP Dhankar: हर जगह अटकलें, डेयरी फेडरेशन के पूर्व चेयरमैन जीएल शर्मा की कैसे खुली लॉटरी?
Haryana BJP President OP Dhankar: हर जगह अटकलें, डेयरी फेडरेशन के पूर्व चेयरमैन जीएल शर्मा की कैसे खुली लॉटरी?

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। कहते हैं अपवाद छोड़कर राजनीति में कुछ छुपा नहीं रहता। हालांकि सच प्रकट होने में कई बार लंबा समय लग जाता है। हरियाणा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ की टीम को ही लीजिए। हर जगह अटकलें हैं। संतोष यादव का नंबर कैसे आया? डेयरी फेडरेशन के पूर्व चेयरमैन जीएल शर्मा की लॉटरी कैसे खुली? नरबीर सिंह का नाम कैसे छूटा? मुख्यमंत्री की कितनी चली? ओपी धनखड़ कितनी चला पाए? अटकलों की सूची लंबी है, मगर आज जीएल शर्मा की बात। ओपी धनखड़ ने जीएल को अपना उपाध्यक्ष बनाया है। रेवाड़ी के राजावास निवासी जीएल कभी राव इंद्रजीत के खास थे। राव से दूरी बनी तो कहा जाने लगा कि घाटे में रहेंगे, मगर जीएल का कमाल देखिए। राव से दूरी बनाकर पहले सत्ता, फिर संगठन में भागीदारी कर ली है। राजनीतिक में जीएल पर मेहरबानी के मायने तलाशे जा रहे हैं। इंतजार कीजिए। जल्द सामने आएगा कि संघ कृपा कहां से हुई?

छुप-छुप बैठे हो जरूर कोई बात है

चुप-चुप खड़े हो जरूर कोई बात है। पहली मुलाकात है ये पहली मुलाकात है। यह फिल्मी दुनिया की बात है, मगर हम हकीकत की दुनिया का एक गीत सुनाते हैं। छुप-छुप कर बैठे हो जरूर कोई बात है। छुपकर इसलिए बैठे हैं ताकि मिलने को आतुर कोरोना से पहली मुलाकात ही न हो। छुपकर बैठने वालों में एक किरदार तो ऐसे हैं जिनकी शहर में चर्चा है। ये शख्स हैं सेक्टर तीन वाले डाक्टर साहब के नाम से चर्चित हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव। उनकी पार्टी भाजपा के पदाधिकारी जहां शहर में सेनेटाइजर व मास्क वितरित कर रहे हैं, वहीं अरविंद बीस दिन से अपने घर में कैद है। उनका तर्क है कि टेलीफोन पर लोगों की जो मदद कर रहा हूं वह फील्ड में उतरकर नहीं कर सकता। अरविंद को कहना है मेडिकल लाइन से जुड़े लोगों को छोड़कर सबके लिए छुपकर रहना ही आज सबसे बड़ी राष्ट्रसेवा है।

संतोष से कहें सीताराम

ओमप्रकाश धनखड़ की टीम में बतौर उपाध्यक्ष शामिल हुई विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष व अटेली की पूर्व विधायक संतोष यादव और अटेली के मौजूदा विधायक सीताराम के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। संतोष यादव की टिकट काटकर भाजपा ने अपने साधारण कार्यकर्ता सीताराम को मैदान में उतारा था। अब सीताराम वर्तमान हुए तो संतोष पूर्व हो गई, मगर धनखड़ की गुडबुक में संतोष का नाम शामिल रहा। भाजपा के मुखिया की गुडबुक में संतोष के शामिल होने की बात तो तभी साबित हो गई थी जब पदभार संभालने के कुछ समय बाद ही धनखड़ संतोष के बुलावे पर एक कार्यक्रम में अटेली पहुंच गए थे। धनखड़ जब रेवाड़ी से अटेली जाते समय रास्ते में सीताराम समर्थकों के बीच नहीं रुके तो विवाद भी हुआ था, मगर धनखड़ की थ्यौरी अपनी जगह कायम है। यहां संतोष भी रहेगी और सीताराम भी। कार्यकर्ताओं को अब संतोष के साथ सीताराम कहना होगा।

बेबस दिखती है पूनम-बलजीत की जोड़ी

रुतबे की बात करें तो पूनम रेवाड़ी की प्रथम नागरिक हैं। ठसक से चुनाव जीतकर नगर परिषद की प्रधान बनी हैं, मगर इनका मलाल है कि इन्हें पदनाम के अनुरूप काम नहीं मिल रहा है। मन में बहुत कुछ करने की तमन्ना है, मगर अधिकार अधिकारियों की मुट्ठी में है। इस समय बेशक कोरोना के कारण काम बंद हैं, मगर कोरोना संकट से पहले भी पूरी चौधर नहीं चल पाई। खुद के घर के सामने की नई बनी सड़क बदहाल हुई तो लीपापोती हुई, मगर ठेकेदार ने लीपापोती का काम भी अधूरा छोड़ दिया। पूनम ने अपने पति बलजीत यादव की मदद से जब दीवान टेकचंद क्लब का मामला उठाया तो कुछ लोग उन पर ही अंगुली उठाने आ गए। अब पूनम-बलजीत की जोड़ी खुद को बेबस पा रही है। सुना है सीएम के सामने भी पूनम ने खुलकर पीड़ा व्यक्त की है। देखना है मनोहर कितने मेहरबान होते हैं।

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