नेपाल ने नरेंद्र यादव सहित हरियाणा के 2 पर्वतारोहियों पर लगाया प्रतिबंध, लगाए गंभीर आरोप

Mountaineer Narendra Yadav नरेंद्र पर आरोप है कि उसने हिमालय पर केवल कैंप चार तक की चढ़ाई की थी जहां पर ऑक्सीजन समाप्त होने के बाद वह आगे नहीं बढ़ पाए थे लेकिन पता नहीं किस तरह से प्रमाणपत्र हासिल कर लिया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 02 Feb 2021 09:18 AM (IST) Updated:Tue, 02 Feb 2021 09:18 AM (IST)
नेपाल ने नरेंद्र यादव सहित हरियाणा के 2 पर्वतारोहियों पर लगाया प्रतिबंध, लगाए गंभीर आरोप
नरेंद्र पर आरोप है कि उसने हिमालय पर केवल कैंप चार तक की चढ़ाई की थी।

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव नेहरूगढ़ निवासी नरेंद्र यादव (Mountaineer Narendra Yadav) वर्ष 2016 में एवरेस्ट की चोटी पर नहीं पहुंचे थे। आरोप है कि उन्होंने फर्जीवाड़ा करके दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने का प्रमाणपत्र हासिल किया था। नेपाल के एक चैनल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। ट्वीट के अनुसार नेपाल सरकार ने नरेंद्र व कैथल जिले की एक पर्वतारोही पर 10 वर्ष तक नेपाल में पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा दिया है।नरेंद्र एवरेस्ट पर नहीं पहुंचा था, मगर उन्होंने फर्जीवाड़ा करके दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह करने का जो प्रमाण पत्र हासिल किया था, उसी के आधार पर उन्हें पिछले वर्ष भारत सरकार से तेनजिंग मोरगे नेशनल अवार्ड मिलना था। हालांकि पुरस्कार वितरण समारोह से ऐन पहले हुई शिकायत के बाद भारत सरकार ने अवार्ड रोक लिया था, लेकिन नरेंद्र ने हमेशा ही इन शिकायतों को झूठा बताया। अवार्ड से पूर्व पिछले वर्ष की गई शिकायत में ही पहली बार उनके एवरेस्ट पर नहीं पहुंचने का दावा किया गया था।

नरेंद्र पर आरोप है कि उसने हिमालय पर केवल कैंप चार तक की चढ़ाई की थी, जहां पर ऑक्सीजन समाप्त होने के बाद वह आगे नहीं बढ़ पाए थे, लेकिन पता नहीं किस तरह से प्रमाणपत्र हासिल कर लिया था। नरेंद्र की पर्वतारोहण की उपलब्धियों के आधार पर ही पिछले साल 27 अगस्त को तेनजिंग मोर्गे नेशनल अवार्ड के लिए नामित किया गया था।

नरेंद्र यादव (पर्वतारोही) कहना है कि मेरे पास प्रतिबंध जैसी कोई जानकारी नहीं आई है। मैंने पूरी ईमानदारी से एवरेस्ट की चढ़ाई की थी। कुछ लोग मेरे खिलाफ लगे हुए हैं। ऐसे लोगों ने ही गलत रिपोर्ट देकर मेरा सम्मान रुकवाया था। मैंने अपनी आपत्ति केंद्र सरकार को दी हुई है। इसके अलावा नेपाल सरकार द्वारा फेक ट्रेकिंग या बैन लगाने जैसी कोई जानकारी नहीं है। यदि आधिकारिक रूप से जानकारी मिलेगी तो प्रमाण के साथ स्थिति स्पष्ट करूंगा।

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