आगरा में चल रहा था भ्रूण लिंग जांच का खेल, रेवाड़ी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया पर्दाफाश

नर्सिंग होम में एक महिला डाॅक्टर ने जांच के बाद डिकोय पेसेंट को वापस भेज दिया। करीब पांच किलोमीटर वापस लौटने के बाद दो और लोग विक्रम व मनोज कार लेकर उनके पास पहुंचे तथा गर्भ में लड़की होना बताया। दोनों ने बताया किएक फिर से जांच होगी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 04:20 PM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 04:20 PM (IST)
आगरा में चल रहा था भ्रूण लिंग जांच का खेल, रेवाड़ी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया पर्दाफाश
रेवाड़ी से जांच के लिए एजेंट गर्भवती महिला को ले गया था आगरा।

रेवाड़ी, [कृष्ण कुमार]। आगरा स्थित एक नर्सिंग होम में डाॅक्टर से मिल कर चलाए जा रहे भ्रूण लिंग जांच के खेल का पर्दाफाश किया है। भ्रूण लिंग जांच करने वाले गिरोह के एजेंट रेवाड़ी में भी सक्रिय था। एजेंट के जरिए रेवाड़ी स्वास्थ्य विभाग की टीम आगरा पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग ने आरोपितों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निकस) शहर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने दो दलालों को भी काबू किया है। जांच करने वाली महिला डाॅक्टर व मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि शहर में भ्रूण लिंग जांच कराने वाला एक दलाल सक्रिय है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दलाल मुकेश कुमार से संपर्क किया। आरोपित ने भ्रूण लिंग जांच कराने के लिए मुकेश से 60 हजार रुपये में सौदा तय किया तथा 14 दिसंबर को उसके खाते में पैसे भी जमा करा दिए।

बताया गुरुग्राम, ले गया आगरा

दलाल ने गर्भवती महिला को 19 दिसंबर को तड़के चार बजे बस स्टैंड रेवाड़ी लेकर आने के लिए कहा। 19 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग की और से तैयार की गई डिकाेय पेसेंट को दलाल मुकेश कार लेकर लेने के लिए पहुंच गया। पहले मुकेश ने गुरुग्राम में जांच कराने के लिए कहा, परंतु बाद में उन्हें केएमपी एक्सप्रेस हाईवे से आगरा स्थित चोपड़ा मैटरनिटी एंड नर्सिंग होम में ले गया।

नर्सिंग होम में एक महिला डाॅक्टर ने जांच के बाद डिकोय पेसेंट को वापस भेज दिया। करीब पांच किलोमीटर वापस लौटने के बाद दो और लोग विक्रम व मनोज कार लेकर उनके पास पहुंचे तथा गर्भ में लड़की होना बताया। दोनों ने बताया कि गर्भ साढ़े तीन माह का होने के बाद एक फिर से जांच होगी। डिकोय पेसेंट के साथ मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य की सूचना पर मौके पर छापेमारी कर दी तथा नर्सिंग होम से जानकारी देने के लिए आए विक्रम व मनोज को काबू कर लिया। पकड़े जाने की जानकारी के बाद महिला डाॅक्टर व मुख्य दलाल मुकेश फरार होने में कामयाब हो गए।

डाॅक्टर को दिए मात्र 15 हजार रुपये

टीम में सीनियर मेडिकल ऑफिसर एवं पीएनडीटी नोडल अधिकारी डा. चितरंजन, उप सिविल सर्जन डा. विशाल राव, डा. रजनीश व ड्रग कंट्रोल अधिकारी अमनदीप चौहान शामिल थे। पूछताछ में पता लगा कि मुकेश ने भ्रूण लिंग जांच के लिए महिला डाक्टर को 15 हजार रुपये दिए गए है। शहर थाना पुलिस ने डिप्टी सिविल सर्जन विजय प्रकाश की शिकायत पर महिला डाक्टर, मुकेश, विक्रम, मनोज व योगेश के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

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