नर्सरी या केजी नहीं प्राइमरी सेक्शन से नन्हे मुन्नों की पहचान

अब नन्हे मुन्ने बच्चे नर्सरी या केजी कक्षा के विद्यार्थी नहीं कहलाए जाएंगे। इन्हें प्राइमरी सेक्शन के कहे जाएंगे। आने वाले दिनों में आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की पहचान प्री स्कूल प्राइमरी सेक्शन के रूप में बुलाए जाएंगे। इसकी शुरुआत राजकीय स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी से होगी। नए सत्र में राजकीय स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने का तरीका भी बदला हुआ नजर आएगा। इसका उद्देश्य बच्चों में खेल खेल में पढ़ाई करने के साथ तनावरहित स्कूल आने जाने की भावना को जागृत करना है। आंगनबाड़ी शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण:

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 08:11 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 08:11 PM (IST)
नर्सरी या केजी नहीं प्राइमरी सेक्शन से नन्हे मुन्नों की पहचान
नर्सरी या केजी नहीं प्राइमरी सेक्शन से नन्हे मुन्नों की पहचान

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी

नाम बदलेंगे तो सोच भी बदलेगी। ठीक इसी तर्ज पर एनसीईआरटी भी आंगनबाड़ियों में पढ़ने वाले बच्चों के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास कर रही है। आंगनबाड़ियों में पढ़ने वाले बच्चे अब प्री स्कूल प्राइमरी सेक्शन के विद्यार्थी कहलाएंगे। इसकी शुरुआत राजकीय स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों से होगी। नए सत्र में राजकीय स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने का तरीका भी बदला हुआ नजर आएगा। प्री स्कूल प्राइमरी सेक्शन एक व प्राइमरी सेक्शन दो में 3-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराने के साथ ही छह साल के होने पर पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। आंगनबाड़ी शिक्षक लेंगे प्रशिक्षण:

जिला में ऐसे 50 राजकीय स्कूलों में 4323 बच्चों को पढ़ाने के लिए 92 आंगनबाड़ी शिक्षक हैं। इन आंगनबाड़ी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन शिक्षकों को बच्चों को किस पाठ्यक्रम को कैसे समझाना है, प्रतिदिन 270 मिनट तक विभिन्न माध्यमों से पढ़ाने के उपाय बताए जाएंगे। शिक्षकों को सप्ताह भर का पाठ्यक्रम पहले ही उपलब्ध कराया जाएगा। एनसीइआरटी की ओर से तैयार पाठ्यक्रम में बच्चों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार कैसे किया जाए, बच्चों को प्रकृति के साथ जोड़ते हुए पढ़ने, समझने और जागरुकता लाने के तौर तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। राष्ट्रीयस्तर पर हो चुकी है तैयारी:

इसके लिए पिछले साल नवंबर माह में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) ओर से डाइट ¨प्रसिपल, समग्र शिक्षा अभियान और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की आयोजित कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये अधिकारी अपने प्रदेश और जिलास्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएंगे। रेवाड़ी में राजकीय स्कूलों के आंगनबाड़ी शिक्षकों को खंडस्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि नया सत्र आरंभ होने से पहले वे विषय वस्तु को अच्छी तरह समझ सकें।

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3 से 5 साल तक के बच्चों को खेल खेल में शिक्षा की अलख जगाने के लिए जागरूक करते हुए व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं। डाइट ¨प्रसिपल और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जल्द जिला और खंडस्तर पर कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों को प्रारंभ से ही सरकारी केंद्रों से जोड़ते हुए स्कूल तक पहुंचाना हैं। - सुभाषचंद यादव, जिला परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी।

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