सामाजिक जिम्मेदारी से फैला रहीं ज्ञान का उजियारा

नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न नौ रूपों को व्यक्तित्व और स्वरूप के रूप में पूजा कर सुख समृद्धि और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 08:17 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 08:17 PM (IST)
सामाजिक जिम्मेदारी से फैला रहीं ज्ञान का उजियारा
सामाजिक जिम्मेदारी से फैला रहीं ज्ञान का उजियारा

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी

नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न नौ रूपों को व्यक्तित्व और स्वरूप के रूप में पूजा कर सुख, समृद्धि और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करते हैं। समाज में विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सी महिलाएं अपनी रचनात्मक और व्यावहारिक उपलब्धियों और कार्यों से समाज को ज्ञान, दर्शन और सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए प्रेरित करने का काम कर रही हैं। शहर के मोहल्ला खासापुरा निवासी हितू शर्मा भी बच्चों को संगीत, शिक्षा और संस्कार को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। संगीत की विशेषज्ञ होने के साथ शिक्षिका के रूप में बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़कर करियर बनाने के लिए जागरूक कर रही हैं।

हितू शर्मा आदर्श पत्नी व मां होने के साथ ही कुशल गृहणी भी हैं। वर्तमान में वह दिल्ली रोड स्थित एक निजी स्कूल में संगीत प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। उनके सानिध्य में संगीत की बारीकियां सीखकर बहुत सी बेटियां रोजगार प्राप्त कर रही हैं। वे कहती हैं कि माता पिता के संस्कार और ससुराल में मिले मार्गदर्शन का परिणाम है कि छात्र जीवन में प्राप्त अनुभव को एक शिक्षिका के रूप में अपनी संतान और जरूरतमंद बच्चों के साथ साझा करने का अवसर मिला है। संगीत प्रवक्ता होने के साथ वे सामाजिक सांस्कृतिक संगठन लावण्य फाउंडेशन से जुड़कर सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभा रही हैं। संगठन की उपाध्यक्ष होने के नाते उनकी सक्रियता सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में ज्यादा रहती है। गायन के साथ कत्थक नृत्य की विशेषज्ञ हितू शर्मा ने जहां छात्र जीवन में युवा महोत्सव में अंतर विश्वविद्यालय में तृतीय रहने के साथ जोनल युवा महोत्सव में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। अपने शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान भी खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित ओपन यूथ फेस्टिवल में गायन के साथ कत्थक नृत्य प्रतियोगिता के दौरान आधा दर्जन पुरस्कार जीत चुकी हैं। जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से आयोजित होने वाले बाल महोत्सव में निर्णायक की जिम्मेदारी हो या फिर कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों को सांस्कृतिक मंच प्रदान करते हुए प्रतिभाओं को तराशने का काम बखूबी कर रही हैं। बाल भवन के शेल्टर होम, आस्था कुंज और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को संगीत की बारीकियों के माध्यम से लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जागरूक कर रही हैं।

पहली गलती स्वयं की नहीं होनी चाहिए: हितू शर्मा कहती हैं कि बेटियों को संस्कारवान होने के साथ आत्मरक्षा की भी सीख देती हैं। बेटियों को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिसमें उनकी पहली गलती नजर आए। समाज में बेटों और बेटियों के बारे में अलग अलग सोच नहीं होनी चाहिए। माता पिता को भी बेटियों के कार्यक्षेत्र पर जाकर प्रोत्साहित करना चाहिए।

सरकारी स्कूल से प्राप्त की शिक्षा: हितू शर्मा ने शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ विद्यालय से बारहवीं तक की पढ़ाई करने के बाद गुरुग्राम के सेक्टर 14 स्थित राजकीय महाविद्यालय से संगीत में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। इससे पहले वे कत्थक विषय से प्रभाकर की पढ़ाई की है।

chat bot
आपका साथी