जीवन लील रही सड़क पर की गई लापरवाही

सर्दी की शुरुआत के साथ ही कोहरे का दौर भी शुरू हो गया है। ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती है†ा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:27 PM (IST)
जीवन लील रही सड़क पर की गई लापरवाही
जीवन लील रही सड़क पर की गई लापरवाही

कृष्ण कुमार, रेवाड़ी

सर्दी की शुरुआत के साथ ही कोहरे का दौर भी शुरू हो गया है। कोहरे में सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो जाता है। सड़क दुर्घटनाओं के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी बड़ा कारण है, यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक स्तर बल्कि स्वयं के स्तर पर भी हो रही है। पुलिस के पास नियमों की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई के अधिकार हैं, परंतु यहां भी नरमी ही बरती जा रही है। पुलिस की कार्रवाई भी सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित है। 'ट्रिपल ओ' है हादसों का बड़ा कारण नियमों को तोड़ने वाले का लाइसेंस रद करने अथवा निलंबित करने का अधिकार भी पुलिस के पास होता है परंतु इस अधिकार के प्रयोग पर कम ही किया जाता है। सड़क हादसों का मुख्य कारण 'ट्रिपल ओ' यानी ओवरलोड, ओवरस्पीड व ओवरटेक है। वाहन चलाते समय ट्रिपल ओ के नियम का पालन किया जाए तो काफी हद तक सुरक्षित यातायात संभव हो सकता है। सड़क हादसों में प्रति वर्ष जिले में 200 से अधिक व्यक्ति अपनी जान गंवा देते है, वहीं इससे चार गुना घायल होकर जिदगी भर दुर्घटना का दंश झेलते हैं। वर्ष 2020 में जनवरी से नवंबर तक 187 लोग सड़क हादसों में मौत के मुंह में समा चुके है। बिना रिफ्लेक्टर व फाग लाइट के दौड़ते वाहन

सड़क हादसों का सबसे अहम कारण अप्रशिक्षित चालक, लापरवाही, ओवरलोडिग व यातायात नियमों का सही ढंग से पालन नहीं होना है। हादसों के कारण पैदा होने के पीछे प्रशासनिक लापरवाही भी किसी से छुपी नहीं है। सड़कों पर होने वाली पार्किंग, आधे-अधूरे सड़क निर्माण, यातायात संकेतकों की कमी, बेखौफ दौड़ते ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार सहित ऐसे बहुत से कारण हैं, जिन पर प्रशासन गंभीरता दिखाए तो हादसों में कमी लाई जा सकती है। सर्दियों में क्षेत्र में रात व सुबह के समय कोहरा छाया रहता है। कोहरे में सड़क हादसों की संभावना बढ़ जाती है। कोहरे में हादसों से बचने के लिए वाहनों पर लगे रिफ्लेक्टर व फाग लाइटें सहायक होती है परंतु जिले की सड़कों पर बड़ी संख्या में ऐसे वाहन दौड़ रहे हैं, जिन पर रिफ्लेक्टर व फाग लाइटें तो दूर, ब्रेक लाइटें भी काम नहीं करती। ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस का रवैया भी ढुलमुल ही रहा है। जिले से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 व 352 पर वाहन चालकों की लापरवाही दिखाई देती है। हाईवे पर ही पार्क किए गए वाहन कई बार बड़े हादसों का कारण बन चुके है।

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जिन स्थानों पर हादसों की अधिक संभावना होती है, उन्हें संकेतक इत्यादि लगा कर दुरुस्त करना चाहिए। लोगों को स्वयं भी जागरूक होना होगा। सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात नियमों की अनदेखी दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बनती है। अधिकतर हादसों के पीछे चालक की स्वयं की लापरवाही होती है। तेज गति, क्षमता से अधिक भार व गलत ओवरटेक से बचना चाहिए।

-रमेश वशिष्ठ, सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी सड़क सुरक्षा संगठन।

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