उतार चढ़ाव भरे मौसम में बच्चों पर ध्यान देना जरूरी

मौसम में उतार चढ़ाव के चलते कभी दिन में गर्मी तो कभी ठंडक है। रविवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे तथा दिन में हल्की हवा भी चली जबकि शनिवार को दिनभर अच्छी धूप खिली थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:47 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:47 PM (IST)
उतार चढ़ाव भरे मौसम में बच्चों पर ध्यान देना जरूरी
उतार चढ़ाव भरे मौसम में बच्चों पर ध्यान देना जरूरी

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: मौसम में उतार चढ़ाव के चलते कभी दिन में गर्मी तो कभी ठंडक है। रविवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे तथा दिन में हल्की हवा भी चली जबकि शनिवार को दिनभर अच्छी धूप खिली थी। मौसम में बदलाव के चलते रविवार को अधिकतम तापमान में कमी आने के साथ अधिकतम 24 और न्यूनतम नौ डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि शनिवार को अधिकतम तापमान 27 और न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस था। इससे पहले तीन दिसंबर को अधिकतम तापमान 22.6 और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस था। दो दिसंबर को अधिकतम 19.5 और न्यूनतम 12.4 डिग्री सेल्सियस था। माह के पहले दिन एक दिसंबर को अधिकतम 23 और न्यूनतम 9.2 डिग्री सेल्सियस था। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान कई स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।

मौसम में बच्चों पर विशेष ध्यान देने की सलाह: मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बाल रोग विशेषज्ञ नवजात और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खानपान और पहनावे पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। अस्पतालों में प्रतिदिन सर्दी, खांसी, बुखार और हल्के निमोनिया से पीड़ित बच्चों को उपचार के लिए स्वजन लेकर पहुंच रहे हैं।

नागरिक अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डा. मदन यादव का कहना है कि आमतौर पर सर्दी का मौसम खानपान के साथ सेहत बनाने का होता है। थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो मौसमी बीमारियों के साथ डेंगू से भी बचाव किया जा सकता है। इन दिनों अस्पताल में सर्दी, जुकाम, निमोनिया के साथ उल्टी दस्त से ग्रसित बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। छह माह तक के बच्चों को मां का दूध पिलाने के साथ छाती से लगाकर रखना जरूरी है। इससे बहुत सी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इस मौसम में बच्चों को सुबह शाम और दिन में भी गर्म कपड़े पहनाकर रखने चाहिए। कई बार छोटे बच्चे घर पर खाली पैर घूमते हैं। जितना हो सके बच्चों को गर्म मोजे, जूते पहनाकर रखें। छाती, पैर और सिर पर सुबह शाम ढककर रखने की सलाह दी जाती है। बच्चों के साथ स्तनपान कराने वाली माताओं को भी इसी प्रकार सावधानी बरतने की जरूरत है।

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