इनसो ने बावल कालेज में पीजी कोर्स शुरू कराने को किया प्रदर्शन
राजकीय महाविद्यालय बावल में पीजी कोर्स शुरू करवाने को लेकर इनसो कार्यकर्ताओं ने सत्येंद्र झाबुओं की अगुवाई में कालेज के गेट पर तालाबंदी करके प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: राजकीय महाविद्यालय बावल में पीजी कोर्स शुरू करवाने को लेकर इनसो कार्यकर्ताओं ने सत्येंद्र झाबुओं की अगुवाई में कालेज के गेट पर तालाबंदी करके प्रदर्शन किया। वहीं पीजी कोर्स शुरू कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। वहीं प्रदर्शन के करीब तीन घंटे के पश्चात प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार रवि और कालेज स्टाफ पहुंचा। उन्होंने विद्यार्थियों को उनकी मांग को मुख्यमंत्री और हायर एजुकेशन को भेजने का आश्वासन दिया।
इनसो जिलाध्यक्ष सत्येंद्र झाबुआ ने कहा कि बावल क्षेत्र के लगभग 80 गांव के छात्र शिक्षा ग्रहण के लिए बावल कालेज में आते हैं लेकिन उच्च शिक्षा के लिए उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। छात्रों की मांग को लेकर इनसो की तरफ से कई बार मांग उठाई जा चुकी है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं की जा रही हे। उन्होंने कालेज में एमए, एमकाम और एमएससी के विभिन्न संकाय की कक्षाएं शुरू कराने की मांग उठाई। इस अवसर पर जलदीप, पंकज, सचिन, देवेंद्र, राहुल, अंकित सहवाग, बिट्टू , संजय चौकन, कोमल, सुषमा, कृष्ण राव, मनीष आदि मौजूद रहे। गुरु शिष्य परंपरा प्रशिक्षण योजना के तहत आवेदन आमंत्रित
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज की ओर से गुरु शिष्य परंपरा प्रशिक्षण योजना 2021-22 के तहत लुप्त होती विभिन्न विद्याओं में मुख्यत: लोकनृत्यों / लोकगीतों / लोकगाथाओं / लोकनाट्यों एवं विभिन्न लोकवाद्य यंत्रों की प्रत्येक विद्या के पारंगत तीन से चार प्रशिक्षकों (गुरुओं) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज को लोकनृत्यों / लोकगीतों / लोकगाथाओं / लोकनाट्यों एवं विभिन्न लोकवाद्य यंत्रों की प्रत्येक विद्या के पारंगत प्रशिक्षकों की प्रशिक्षण हेतु आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उक्त विद्याओं में पारंगत प्रशिक्षक अपना नाम, पता एवं दूरभाष नंबर सहित अन्य विवरण निदेशक कलां एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा, एससीओ नंबर-29, सेक्टर 7-सी, मध्य मार्ग, चंडीगढ़ भेज सकते हैं ताकि उनका विवरण उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज को भिजवाया जा सके।