बिना दहेज शादी कर पेश की मिसाल
इंडियन इंजीनियरिग सर्विसेज (आइइएस) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रेलवे में नौकरी कर रहे युवक ने दहेज रहित शादी की है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : इंडियन इंजीनियरिग सर्विसेज (आइइएस) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भारतीय रेलवे में उच्च अधिकारी के पद पर नियुक्त महेंद्रगढ़ के गांव खुड़ाना निवासी नवीन यादव पुत्र सज्जन सिंह व रेवाड़ी के गांव प्राणपुरा निवासी प्रताप यादव पुत्र रतिराम नंबरदार की बेटी पारूल यादव ने बिना दहेज व सादगी से शादी कर समाज में मिसाल पेश की है। पारूल यादव वर्तमान में पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं। दोनों सामाजिक मान्यता देव सोने के बाद शादी न करने की परंपरा को नकारते हुए दो अगस्त को महेंद्रगढ़ में परिणय सूत्र में बंध गए।
गांव खुडाना निवासी सज्जन सिंह के बेटे नवीन यादव आइआइटी रूड़की से बीटेक करने के बाद आइइएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर रेलवे में उच्च अधिकारी के पर नियुक्त हुए हैं। वहीं पारूल यादव आइआइटी बीएचयू से एमटेक करने के बाद आइआइएससी बेंगलुरू से पीएचडी कर रही हैं। पारूल के पिता प्रताप यादव एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं। नवीन के पिता सज्जन सिंह हरियाणा रोडवेज में कार्यरत है। समाज में मान्यता है कि देव सोने के बाद शादी नहीं हो सकती। दोनों परिवारों ने आपसी सहमति के बाद देवे सोने के दौरान ही बिना दहेज सादगी पूर्ण माहौल में दो अगस्त को महेंद्रगढ़ में शादी करने का निर्णय लिया तथा समाज के सामने एक मिसाल पेश की है। इस दौरान वधू पक्ष की ओर से सूबेदार अमीलाल, सत्यपाल, गोशाला प्रधान विजय सिंह, प्रवक्ता सुशीला व सूबेदार बिशंबर दयाल तथा वर पक्ष की ओर से बनवारी लाल, रमेश कुमार, सतीश आर्य, सुदेश प्रवक्ता व सुरेंद्र मौजूद रहे।