खाद केंद्र बंद मिले तो डीसी आवास पहुंचे किसान

खाद को लेकर विवाद लगातार चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों को सरसों की बिजाई से पूर्व खाद की बेहद आवश्यकता है लेकिन उनको खाद ही नहीं मिल पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 03:34 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 03:34 PM (IST)
खाद केंद्र बंद मिले तो डीसी आवास पहुंचे किसान
खाद केंद्र बंद मिले तो डीसी आवास पहुंचे किसान

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: खाद को लेकर विवाद लगातार चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों को सरसों की बिजाई से पूर्व खाद की बेहद आवश्यकता है, लेकिन उनको खाद ही नहीं मिल पा रही है। रविवार को अवकाश के कारण सहकारी समितियां व इफको केंद्र बंद रहे, लेकिन इसके बावजूद किसान जानकारी नहीं होने के चलते मंडी में सुबह चार बजे ही पहुंच गए।

सात बजे के लगभग किसानों को जानकारी मिली कि आज तो केंद्र बंद रहेंगे। इस बात की जानकारी मिलने के बाद वह सात बजे उपायुक्त आवास पर पहुंच गए तथा खाद दिलाने की मांग करने लगे। उपायुक्त आवास से आश्वासन मिला कि खाद की कोई कमी नहीं है तथा सोमवार से नियमित तौर पर इफको केंद्र व सहकारी समिति कार्यालयों में खाद मिलेगी।

खाद को लेकर अभी नहीं लगता सुधरेंगे हालात: खाद को लेकर बीते करीब दस दिनों से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। हर रोज सैकड़ों की तादाद में किसान खाद लेने के लिए मंडी में पहुंच रहे हैं लेकिन खाद गिने चुने किसानों को ही मिल पा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि सहकारी समिति एवं इफको केंद्र पर खाद की कमी लगातार बनी हुई है। शनिवार को ढाई हजार क्विंटल खाद की सप्लाई आई थी, लेकिन इसमें से भी पूरी खाद रेवाड़ी को नहीं मिली है। अन्य जिलों में भी खाद इसी रैक में से गया है। जानकारों की मानें तो रेवाड़ी को कम से कम 10 हजार क्विंटल खाद की अभी और जरूरत है ताकि किसानों की आवश्यकता पूर्ण हो सके। समय रहते यह खाद आनी चाहिए। अगर देरी हुई तो गेहूं की बिजाई का भी समय आ जाएगा और किसानों की जरूरत उस समय भी खाद की रहेगी। तब स्थिति और भी बिगड़ेगी।

हालात बिगड़ने के यह भी हैं बड़े कारण: इफको अधिकारियों की मानें तो खाद को लेकर स्थिति ऐसी नहीं बिगड़ती अगर लोग थोड़ा संयम रखते। फिलहाल सरसों की बिजाई चल रही है इसलिए लोग केवल सरसों के लिए खाद लें तो कोई दिक्कत नहीं होने वाली लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। किसान सरसों के साथ ही गेहूं के लिए भी अभी से ही खाद स्टाक करके रखना चाहता है। इसके अतिरिक्त खाद के लिए रिश्तेदारी से भी खूब फोन आ रहे हैं तथा लोग अपने रिश्तेदारों के लिए भी खाद के कट्टे खरीदकर रख रहे हैं।

खाद का स्टाक हमें लगातार मिल रहा है। हमने सहकारी समितियों में भी खाद पहुंचा दी है, जिससे एक ही जगह भीड़ न लगे। जैसे-जैसे खाद आती रहेगी इसको बांटा जाता रहेगा।

-आशीष पंवार, फिल्ड आफिसर, इफको

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