फर्जीवाड़ा कर हासिल की क्लर्क की नौकरी, दो पर प्राथमिकी दर्ज

स्थानीय जिला एवं सत्र न्यायालय में इसी वर्ष अप्रैल माह में हुई क्लर्क की भर्ती प्रक्रिया में दो आवेदकों ने फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल कर ली। दस्तावेजों की जांच के दौरान दोनों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 04:56 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 04:56 PM (IST)
फर्जीवाड़ा कर हासिल की क्लर्क की नौकरी, दो पर प्राथमिकी दर्ज
फर्जीवाड़ा कर हासिल की क्लर्क की नौकरी, दो पर प्राथमिकी दर्ज

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : स्थानीय जिला एवं सत्र न्यायालय में इसी वर्ष अप्रैल माह में हुई क्लर्क की भर्ती प्रक्रिया में दो आवेदकों ने फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल कर ली। दस्तावेजों की जांच के दौरान दोनों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। सेशन कोर्ट के अधीक्षक ने दोनों आरोपितों के खिलाफ माडल टाउन थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार रेवाड़ी जिला एवं सत्र न्यायालय में क्लर्क पद के लिए फरवरी 2019 में आवेदन मांगे गए थे। अधिसूचना के अनुसार आवेदक का सात फरवरी 2019 से पहले स्नातक डिग्री हासिल किया हुआ होना चाहिए था। अपेक्षित योग्यता न पाए जाने पर उम्मीदवार का चयन रद कर दिया जाएगा।

पहला मामला

जिला रोहतक के गांव दत्तौर निवासी लोकेश कुमार भी 31 अनुशंसित उम्मीदवारों में से एक थे। लोकेश ने 15 अप्रैल 2021 को नौकरी ज्वाइन की थी। अभ्यर्थी ने कार्यभार ग्रहण करते समय यह शपथ पत्र भी दिया था कि उसने स्नातक की परीक्षा वर्ष 2018 में उत्तीर्ण कर ली थी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को डिग्री की प्रमाणिकता सत्यापित करने के लिए निर्देशित किया गया था। जांच में पता लगा कि लोकेश ने 27 जनवरी 2020 में बीएससी का पाठ्यक्रम पूरा किया है। 16 अगस्त 2021 को उच्च न्यायालय ने लोकेश की उम्मीदवारी रद करने के निर्देश दिए थे। दूसरा मामला:

रोहतक के बसंत विहार निवासी रविद्र भी चयनित 31 उम्मीदवारों में शामिल था। रविद्र ने भी 15 अप्रैल 2021 को नौकरी ज्वाइन की थी। रविद्र की वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा के प्रमाण पत्र की प्रमाणिकता सत्यापित के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली भेजा गया था। बोर्ड की ओर से जवाब भेजा गया कि संबंधित प्रमाण पत्र उच्च माध्यमिक विद्यालय बोर्ड दिल्ली द्वारा जारी नहीं किया गया। यहां इस बारे में कोई रिकार्ड नहीं है। समिति की सिफारिश पर आरोपित की उम्मीदवारी रद कर दी गई है। आरोपित से अभी तक लिया गया वेतन भी वसूलने के निर्देश दिए गए है। दोनों ही आरोपितों के खिलाफ माडल टाउन थाना पुलिस ने कोर्ट अधीक्षक ओमप्रकाश की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है।

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