गेहूं की बिजाई के लिए अनुकूल मौसम
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान बीच-बीच में हल्के बादल और स्माग रहने की संभावना है। इस दौरान बीच में हल्की उत्तर पश्चिमी हवा चलने से तापमान में हल्की गिरावट की संभावना है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: मौसम में आए बदलाव के साथ रबी फसल की बिजाई भी आरंभ हो गई है। जिले में सरसों और गेहूं की बिजाई होती है। सरसों की करीब 70 फीसद बिजाई हो चुकी है वहीं कुछ स्थानों पर गेहूं की भी बिजाई आरंभ हो चुकी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं की बिजाई के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है। मौसम विभाग ने चार नवंबर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना जताई है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान बीच-बीच में हल्के बादल और स्माग रहने की संभावना है। इस दौरान बीच में हल्की उत्तर पश्चिमी हवा चलने से तापमान में हल्की गिरावट की संभावना है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं की बिजाई के लिए खेतों को अच्छी प्रकार से तैयार कर समय पर बिजाई कर सकते हैं। इसमें जहां अच्छा पानी उपलब्ध हो तो डब्लूएच 1105, एचडी 2967, एचडी 3086 व डब्लूएच 711 किस्मों के प्रयोग कर बिजाई शुरू कर सकते हैं। कम पानी उपलब्धता वाले क्षेत्रों में अगेती बिजाई के लिए सी306, डब्लूएच 1080, डबलूएच 1142 किस्मों के प्रयोग किया जा सकता है। बिजाई से पहले बीज जनित बीमारियों से बचाव के लिए बिजाई से पहले 2 ग्राम वीटावैक्स या बाविस्टिन या थाइरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से सूखा उपचार जरूर करना चाहिए। देसी चने की बिजाई के लिए खेत को अच्छी प्रकार से तैयार करें। उन्नत किस्मों बारानी व सिचित क्षेत्रों के लिए एचसी एक तथा सिचित क्षेत्रों के लिए एचसी 3 (मोटे दाने वाली किस्म) व एचसी 5 किस्मों का प्रयोग कर बिजाई पूरी कर सकते हैं। जड़ गलन बीमारी से बचाने के लिए 2.5 ग्रा. बाविस्टीन प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित कर सकते हैं। उखेड़ा रोग से बचाव के लिए बिजाई से पूर्व बीज का उपचार जैविक फफूंदीनाशक ट्राईकोडरमा विरिडी (बायोडरमा) 4 ग्रा. प्रति किलोग्राम बीज के साथ एक ग्रा. विटावैक्स प्रति किलोग्राम बीज की दर से कर सकते हैं। जिन किसानों ने अभी तक सरसों की बिजाई नहीं की है वे उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30, आरएच 406 आदि के प्रमाणित बीजों की इसी सप्ताह बिजाई करनी चाहिए। पराली को भूमि में दबाएं व उर्वरा शक्ति को बढ़ाने से आगामी फसल का अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
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फसलों के लिहाज से मौसम अनुकूल बना हुआ है। बाजार से बीज खरीद रहे हैं तो प्रमाणित और उपचारित बीज ही खरीदें। इसके अलावा घर में मौजूद बीज लगा रहे हैं तो अच्छी तरह सुखाकर कृषि विशेषज्ञों की सलाह अनुसार ही बिजाई करनी चाहिए। मौसम खुश्क रहने की संभावना को देखते हुए सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे की फसलों में आवश्यकता अनुसार सिचाई करें। नरमा कपास की चुनाई सूर्य निकलने के बाद शुरू करें ताकि सुबह ओस के कारण उत्पादन की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो।
- डा.जसविद्र सैनी, उपनिदेशक, कृषि एवं कल्याण कल्याण विभाग, रेवाड़ी।