एनएएस परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर जुटा शिक्षा विभाग
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (नेशनल अचीवमेंट सर्वे) की परीक्षा को लेकर जिले में तैयारियां अंतिम दौर में हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (नेशनल अचीवमेंट सर्वे) की परीक्षा को लेकर जिले में तैयारियां अंतिम दौर में हैं। 12 नवंबर को आयोजित होने वाली नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी पिछले करीब एक पखवाड़े से जुटे हुए हैं। इस दौरान विद्यार्थियों पर विशेष फोकस करने के साथ ही परीक्षा को लेकर अध्यापकों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। परीक्षा के माध्यम से देशभर में तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन सर्वे किया जाएगा।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे का उद्देश्य देशभर के स्कूलों के विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता का आकलन करना है। इसके आधार पर भविष्य में शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। यह सर्वे जिले के 157 स्कूलों में होगा, जिसमें 84 राजकीय, 69 निजी मान्यता प्राप्त स्कूल, दो केंद्रीय विद्यालय, एक सैनिक स्कूल और एक जवाहर नवोदय विद्यालय शामिल होंगे। इस सर्वे में कक्षा तीन के 828, कक्षा पांच के 823 कक्षा आठ के 1,464 और कक्षा दसवीं के 4,889 छात्र भाग लेंगे। परीक्षा केंद्र आसपास के स्कूलों में में ही बनाए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों को आवागमन में परेशानी का सामना न करना पड़े।
परीक्षा के लिए कराए गए हैं विद्यार्थियों के टेस्ट: एनएएस की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के उद्देश्य से पिछले एक पखवाड़े से तैयारियां की जा रही हैं। विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रैक्टिस टेस्ट और माक टेस्ट लिए गए हैं, जिसमें हिदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय शामिल किया गया है। वहीं विद्यार्थियों को अतिरिक्त कक्षाओं, गाइडेंस के साथ-साथ उन्हें सभी प्रश्नों को हल करवाया गया है।
फील्ड इन्वेस्टिगेटर को दिया गया है प्रशिक्षण: परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर जिले में 270 फील्ड इन्वेस्टीगेटर (क्षेत्र अन्वेषक) नियुक्त गए हैं, जिसमें एबीआरसी, बीआरसी, कंप्यूटर शिक्षकों एवं डाइट प्रशिक्षकों को शामिल किया गया है। वहीं उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके अलावा निजी स्कूलों से भी शिक्षकों की आब्जर्वर के रूप में ड्यूटी लगाई गई है।
एनएएस की परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर के आकलन और उसमें सुधार के मद्देनजर यह परीक्षा अहम है। इससे आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी।
- मुकेश यादव, जिला परियोजना संयोजक